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________________ अनुक्रमणिका ४३. सामकोठजिन गीतम् , श्रीसामकोठ तीथंकर देवा २८ ४४. अग्गिसेणजिन गीतम् , अग्गिसेण तीथंकर उपदिसइ २८ ४५. अग्गपुत्तजिन गीतम् ,, वीतराग वांदस्यु रे हिव हूँ २८ ४६. वारिसेणजिन गीतम ,, वारसेण तीथंकर ए चउवी० २६ ४७. कलश गा० २ (र. सं. १६६७) गाया गायारी ऐरवत तीर्थ गाया २६ विहरमान वीसी स्तवनाः ४८. सीमंधर जिन गी० गा० ३ सीमंधर सांभलउ ३० ४६. युगमंधरजिन गी० गा० ४ तू साहिब हूँ सेवक तोरउ ३० ५०. बाहुजिन गीतम् गा०३ बाहनाम तीथकर द्यउ मुझ ३१ ५१. सुबाहुजिन गीतम् , सामि सुबाहु तू अरिहत देवा ३१ ५२. सुजातजिन गीतम् ,, सुजात तीथंकर ताहरी ३२ ५३. स्वयंप्रभ गीतम् , स्वयंप्रभ तीथकर सुन्दरु ए ३२ ५४. ऋषभानन गीतम् , एउ २ ऋषभानन अरिहंत नमो ३२ ५५. अनन्तवीर्य गीतम् . , अनतवीरिज आठमउ तीर्थकर ३३ ५६. सूरिप्रभजिन गीतम् , श्री सूरिप्रभ सेवा करिस्यु ३३ ५७. विशालजिन गीतम् , जिनजी वीनति सुणउ तुम्हे ३४ ५८. वज्रधरजिन गीतम् गा०२ वज्रधर तीर्थोकर वांदू पाय ३४ ५६. चन्द्राननजिन गी० गा०३ चन्द्रानन जिणचन्द ६०. चन्द्रबाहुजिनगीतम् ,, चन्द्रबाहु चरण कमल ६१. भुजङ्गजिन गीतम् , भुजङ्ग तीर्थङ्कर भेटियइजी ३६ ६२. ईसरजिन गीतम् , ईसर तीर्थंकर आगइ ३६ ६३. नेमिजिन गीतम् , विहरमान सोलमउ तू ३७ ६४. वीरसेनजिन गीतम् , वीरसेन जिन नी सेवा कीजइ ३७ ६५. महाभद्रजिन गीतम् , महाभद्र अढारमउ अरिहंत ३७ ६६. देवयशा जिन गीतम् ,, देवजसा जगि चिरजयउ ३८ ६७. अजितवीर्यजिन गी०, हां मेरी माई हो अजितवीरज. ३८ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003810
Book TitleSamaysundar Kruti Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year1957
Total Pages802
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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