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________________ समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि १६. शान्तिजिन स्त. गा०४ शांतिनाथ सुणहु तू साहिब १० २०. कुन्थुजिन स्तवन गा०४ कुन्थुनाथ कुकरू प्रणाम ११ २१. अरजिन स्तवन गा०३ अरनाथ अरियण गंजणं ११ २२. मल्लिजिन स्त० , मल्लिजिन मिल्यउरी १२ २३. मुनि सुव्रत स्त०, सखि सुन्दर रे पूजा सतर० १२ २४. नमिजिन स्त० ,, नमुनमुनमि जिन चरण० १२ २५. नेमिजिन स्त० ,, यादवराय जीवे तूकोडि० १३ २६. पावजिन स्त० गा०४ माई आज हमारइ आणंदा १३ २७. वीरजिन स्तवत गा०३ ए महावीर मोकछु देहि दानं १४ २८. कलश , तीर्थंकर रे चौवीसे मैं संस्त० १४ (१० सं०१६५८ अहमदाबाद) २६. चौवीसजिन सवैया २५ नाभिराय मरुदेवी नंदन १५ ऐरवत क्षेत्र चतुर्विशति गीतानि (प्रथम के स्त० प्राप्त नहीं) ३०. जुत्तसेणजिन गीतम् गा०३ जुत्तसेण तीर्थकर सेती २२ ३१. अजित सेणजिन गी०, आवइ चौसठ इंदा २२ ३२ शिवसेनजिन गीतम् , दसमउ तीर्थंकर शिवसेन २३ ३३. देवसेनजिन गीतम् , साहिब तू है सांभलउ २३ ३४. नक्खत्त सत्थजिन गी.,, नमू अरिहतदेव नक्खत्त० २३ ३५. अस्संजलजिन गीतम् ,, तेरमउ अस्संजल तीर्थकर २४ ३६. अनन्तजिन गीतम् , अहो मेरे जिन कुकुण उप० २४ ३७. उपशान्तजिन गीतम् , बार परषदा बइठी आगलि २५ ३८.गुत्तिसेणजिन गीतम् ,, सोलमा श्री गुत्तिसेण २५ ३६. अतिपासजिन गीतम् ,, सतरमउ भी अतियास तीथं० २६ ४०. सुपासजिन गीतम् ,, सुपास तीथंकर साचउ सही री २६ ४१. मरुदेबजिन गीतम् ,, ओगणीसमउ मरु० अरिहंत २७ ४२. श्री सीधरजिन गीतम् गा०२ हिव हूँ वांदूरी वीसमउसी० २७ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003810
Book TitleSamaysundar Kruti Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year1957
Total Pages802
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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