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1. शब्दार्थ :
परियलिय
विढत्त
करंका
पट्टण
श्रावाश्री
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एकत्र
= कमाना
= कांवर
2. लघुत्तरात्मक प्रश्न :
= बाजार
== आपत्ति
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अभ्यास
प्रज्जरपत्थं
छत्तिया
सत्तागार
समुज्जुश्र
चिरंतरण
-
कमाने के लिए पच्छया
छाता
लायं
अतिथिशाला मंडए
पोत्तड
वट्ट
भोला
पुराना
प्रश्न का उत्तर एक वाक्य में लिखिए :
1. गंगादित्य का नाम मायादित्य क्यों
पड़ा ?
2. दोनों मित्रों ने अपने धन को किस में बदला ?
3. मायादित्य ने रत्न हड़पने के लिए क्या उपाय किया ?
=
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=
3. निबन्धात्मक प्रश्न :
( क ) मायादित्य स्वयं ही किस प्रकार छला गया, संक्षेप में लिखिए ।
(ख) कंकड़ों की पोटली देखने पर मायादित्य की हालत कैसी हो गयी और उसने क्या सोचा ?
(ग) मित्र से कपट करने की कोई दूसरी कथा लिखिए ।
नास्ता
तूमड़ी
रोटी
पोटली
गोल
प्राकृत गद्य-सोपान
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