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साहेमाणो य सुहंसुहेणं विहरइ । सुलद्धे माणुस्सए जम्मजीवियफले गंदस्स मरिणयारस्स।
तए णं गंदे मणियारे बहुजणस्स अतिए एयमट्ट सोच्चा हट्टतुट्टे धाराहयकलंबगं पिव समूससियरोमकूवे परं सायास्रोक्खमणुभवमाण बिहरइ ।*
अभ्यास
1. शब्दार्थ :
अब्भरएण्रपाए = आज्ञा प्राप्त कर छप्पय = भौंरा तालायर नाटक चरणीमग = भिखारी गिलास = अशक्त रोगी पडियारकम्म = सेवा कार्य अप्पेगइया = कोई-कोई
परिहत्थ = जलजन्तु पुरिच्छमिल्ले = पूर्व दिशा में उवक्खड - पकाना जाण्या == जानकार तेइच्छ == चिकित्सा कारिया = मजदुर संघाडग = चौपाल
2. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
सही उत्तर का कमांक कोष्ठक में लिखिए : 1. पथिकों को भोजन मिलता था(क) बावड़ी में
(ख) चित्र-सभा में (ग) महानसशाला में
(घ) अलंकार-सभा में
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। ज्ञाताधर्मकथा (सं०-पं. शोभाचन्द्र भारिल्ल), व्यावर, 1981, पृ 342-346 ।
प्राकृत गद्य-सोपान
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