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3. उदाहरण वाक्य [षष्ठी विभक्ति]
इदं रामस्स पोत्थग्रं अत्थि तं छत्तस्स घरं अत्थि इदं रुक्खस्स पत्तं अत्थि तं गंगा जलं अस्थि सो धणस्स हे उगो पढइ रामो मायाम सुमरइ छत्ताणं रामो सेट्ठो घरस्स उरि कि अत्थि पोत्थ अस्स पढणं वरं
यह राम की पुस्तक है। वह छात्र का घर है। यह वृक्ष का पत्ता है। वह गंगा का जल है। वह धन के कारण पढ़ता है । राम माता को याद करता है। छात्रों में राम श्रेष्ठ है। घर के ऊपर क्या है ? पुस्तक का पढ़ना अच्छा है ।
अभ्यास
(क) प्राकृत में अनुवाद करो :
वह मेरी पुस्तक है । यह उनका खेत है। बालक का पिता जाता है। यह बाजार का मार्ग है। गंगा का जल मीठा है। धन के हेतु विद्या को पढ़ो। सोहन पिता को याद करता है। नारियों में सीता श्रेष्ठ है। पेड़ के सामने बालक है । बालकों में मोहन चतुर है। बालक का सोना ठीक है । धन का दाता कौन है ?
(ख) नियम याद करें एवं उदाहरण शिक्षक से समझें :
1- सम्बन्ध कारक के अर्थ में षष्ठी होती है। 2- हेतु शब्द के साथ षष्ठी विभक्ति होती है। 3- स्मरण के अर्थ वाली क्रिया के साथ कर्म में षष्ठी होती है । 4- श्रेष्ठता बताने के अर्थ में, जिससे श्रेष्ठ बताया जाय उसमें षष्ठी होती है । 5- उवरिं, अग्गं, पच्छा, अहो आदि शब्दों के साथ षठी होती है।
प्राकृत गद्य-सोपान
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