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ध्याय श्री विनय सागर एवं ऋषभ मुद्रणालय,उदयपुर के श्री महावीर जैन तथा उनके स्टाफ का और चौधरी प्रिटर्स के संचालक श्री राजेन्द्र सिंह चौधरी का ओ सहयोग मिला है उसके लिए मैं इन सबका हृदय से आभारी हूँ
अग्रिम प्राभार उन जिज्ञासु पाठकों, विद्वानों, संस्थानों एवं परीक्षा-बोडों के प्रबंधकों के प्रति भी है, जो इस पुस्तक के पठन-पाठन में सहयोगी होकर प्राकृत-शिक्षण को गति प्रदान करेंगे एवं अपने सुझाव देकर इस पुस्तक के संशोधन-परिवद्धन में सहभागी होंगे।
प्रेम सुमन जैन
'समय' २९, उत्तरी सुन्दरवास, उदयपुर (राजस्थान) २, अक्टूबर, १९८२
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