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________________ [ख] संज्ञा शब्द (स्त्रीलिंग) प्रथमा विभक्ति उदाहरण वाक्य : बाला, जुवइ, बहू एकवचन बाला पातो जग्गइ बाला सया पढइ बाला कि पुच्छइ जुवई अत्थ हसइ जुवई तत्थ जिमइ जुवई अप्पं बोल्लइ बहू रण खेलइ बहू अईव जागइ बहू कया सयइ बाला खिप्पं चलइ बालिका प्रात:काल जागती है । बालिका सदा पढ़ती है। बालिका क्या पूछती है ? युवति यहाँ हँसती है। युवति वहाँ जीमतो है। युवति थोड़ा बोलती है । बहू नहीं खेलती है । बहू बहुत जानती है। बहू कब सोती है ? बालिका शीघ्र चलती है। बहुवचन बालाप्रो पातो जग्गन्ति बालामो सया पढन्ति बालानो किं पुच्छन्ति जुवईओ अत्थ हसन्ति जुवईअो तत्थ जिमन्ति जुवईनो अप्पं बोल्लन्ति बहूओ रण खेलन्ति बहूओ अईव जागन्ति बहूओ कया सयन्ति बालामो खिप्पं चलन्ति बालिकाएँ प्रातःकाल जागती हैं । बालिकाएँ सदा पढ़ती हैं। बालिकाएँ क्या पूछती हैं ? युवतियाँ यहाँ हँसती हैं। युवतिया वहाँ जीमती हैं। युवतिया थोड़ा बोलती हैं। बहुएँ नहीं खेलती हैं। बहुएँ बहुत जानती हैं। बहुएँ कब सोती हैं ? बालिकाएँ शीघ्र चलती हैं। = प्राकृत काव्य-मंजरी Jain Educationa International www.jainelibrary.org For Personal and Private Use Only
SR No.003806
Book TitlePrakrit Kavya Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages204
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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