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हिन्दी अनुवाद
पाठ ११:प्राकत काव्य
१. प्राकृत काव्य के लिए नमस्कार है और (उसके लिए भी), जिसके द्वारा प्राकृत
काव्य रचा गया हैं । उनको भी हम नमस्कार करते हैं, जो (प्राकृत कान्य को)
पढ़कर (उसे) समझते हैं । २. (सरल) देशी शब्दों से युक्त, मधुर अक्षरों एवं छन्द से रचित, मनोहर, स्पष्ट,
विस्तीर्ण एवं प्रकट अर्थवाला प्राकृत-काव्य (सब लोगों के द्वारा) पढ़ने योग्य
३. सुगन्धित एवं शीतल जल से, चतुर व्यक्तियों के वचनों से और उसी तरह प्राकृत
काव्य में जो आनन्द (रस) उत्पन्न होता है, (उससे हम कभी) संतोष को प्राप्त
नहीं होते हैं (नहीं अघाते हैं)। ४. नये अर्थ की प्राप्ति, अगाध मधुरता, काव्यतत्त्व की समृद्धि, सरलता एवं संसार
के प्रारम्भ से अब तक को काव्य-रचना, यह (सब) प्राकृत में (है) ।
५. सभी भाषाएँ इसी (जन-बोली प्राकृत) से निकलती है और इसी को प्राप्त होती
हैं (भाषा से फिर बोली बन जाती हैं)। जैसे- जल (बादल के रूप में) समुद्र से निकलते हैं और समुद्र को ही (नदियों के रूप में) आते हैं ।
६. नटिल अर्थ से रहित और देशी (शब्दों वाला), मधुर अक्षरों से रचित, मनोहर
प्राकृत काव्य संसार में किसके हृदय को अच्छा नहीं लगता है ?
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प्राकृत काव्य-मंजरी
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