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[ख] सर्वनाम (मध्यम पुरुष) प्रथमा विभक्ति
उदाहरण वाक्य :
तुमं= तुम/तू
एकवचन
तुमं पातो जग्गसि तुमं पइदिणं पढ़सि तुमं सया खेलसि तुमं अईव हससि तुमं खिप्पं चलसि तुमं सइ जिमसि तुम अप्पं बोल्लसि तुम मुहु पुच्छसि तुमं सम्म जाणसि तुमं सुहं सयसि
तुम प्रातःकाल जागते/जागती हो। तुम प्रतिदिन पढ़ते / पढ़ती हो। तुम सदा खेलते / खेलती हो। तुम बहुत हँसते हँसती हो। तुम शीघ्र चलते चलती हो। तुम एक बार जीमते/जीमती हो । तू थोड़ा बोलता/ बोलती है। तू बार-बार पूछता/पूछती है । तुम भली प्रकार जानते हो। तुम सुखपूर्वक सोते सोती हो ।
तुम्हे तुम दोनों/तुम सब
बहुवचन
तुम्हे पातो जग्गित्था तुम्हे पइदिणं पढित्था तुम्हे सया खेलित्था तुम्हे अईव हसित्था तुम्हे खिप्पं चलित्था तुम्हे सइ जिमित्था तुम्हे अप्पं बोल्लित्था तुम्हे मुहु पुच्छित्था तुम्हे सम्म जारिणत्था तुम्हे सुहं सयित्था
तुम दोनों प्रातःकाल जागते हो। तुम सब प्रतिदिन पढ़ती हो। तुम दोनों सदा खेलते / खेलती हो । तुम सब बहुत हँसते हो।। तुम सब शीघ्र चलते / चलती हो। तुम दोनों एक बार जीमते हो । तुम सब थोड़ा बोलते / बोलती हो। तुम सब बार-बार पूछते हो। तुम दोनों भली प्रकार जानते हो। तुम सब सुखपूर्वक सोते हो।
प्राकृत काव्य-मंजरी
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