________________
आशिषदाता
प्रकाशक
श्री सिद्धसेनदिवाकरसूरि विरचित
सन्मति - तर्कप्रकरण
प्रथमावृत्ति
श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमः
श्री तर्कपञ्चानन-वादिमुख्य - अभयदेवसूरि विरचिता तत्त्वबोधविधायिनी वृत्ति
( प्रथमः काण्डः )
आर्थिक लाभार्थी : श्री उमरा जैन वे० मू० संघ, उमरा, सूरत - ७
: दिव्यदर्शन ट्रस्ट
Jain Educationa International
आ० जयसुंदरसूरि कृत हिन्दी विवेचन
[ तृतीय खण्ड ]
: न्यायविशारद आचार्य श्री विजयभुवनभानु सू. म. सा.
एवं सिद्धान्तदिवाकर गच्छाधिपति आचार्यश्री विजय जयघोष सू. म. सा.
C/o, कुमारपाळ वि. शाह
३९, कलिकुंड सोसायटी, कलिकुण्ड तीर्थ, धोळका - ३८७८१०, गुजरात
वि.सं. २०६७
For Personal and Private Use Only
प्रति ३००
www.jainelibrary.org