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________________ शून्यम विषय निर्देश पृष्ठ विषय पृष्ठ विषय १५९ ...पूर्वरूप-उत्तररूप ऐक्य के तीन पक्षों का निरसन | १७२ ...शब्दब्रह्म में ग्रहण-अग्रहण उभय की अनुपपत्ति १५९ ...भ्रान्तज्ञानविषय अलौकिक नहीं होता |१७३ ...शब्दात्मक घटादि में भेदाभेदोभाय की १६० ...अवयवी की सत्ता की सिद्धि अशक्य | अनुपपत्ति १६१ ...व्यवहार के बल पर बहिरर्थसिद्धि अशक्य | १७३ ...शब्द से जगत् की उत्पत्ति वाला दूसरा १६२ ...परमाणु में षड्दिक्संयोग से सांशता आपत्ति हेतुकृत' विकल्प १६२ ...अर्थ की तरह बोध भी असत् है १७४ ...अविभक्तब्रह्मतत्त्वोपपादनं तत्प्रतिविधानं च १६३ ...सर्व धर्म मायाजाल है १७४ ...शब्दकारानुविद्धत्व हेतु में असिद्धि दोष १६४ ...साधनादि उपायविहीन शून्यवादी का वाद | १७५ ...ब्रह्मसिद्धि के लिये प्रमाणपृच्छा ___ में अनधिकार - पूर्वपक्ष १७६ ...शब्दब्रह्म की सिद्धि अनुमान से दुष्कर १६४ ...साधनादिउपायवाले अर्थवादी का अनधिकार | १७६ ...योगिजन के ब्रह्मदर्शन की मीमांसा - उत्तरपक्ष १७७ ...द्वैतवादी के क्षणिकतामत में मोक्षाभावापत्ति १६५ ...शुद्धतर पर्यायवादी ऋजुसूत्र मत से सर्वं | नहीं | १७८ ...पर्यायास्तिकनय से बन्ध-मोक्ष की उपपत्ति १६६ ...सौत्रान्तिकादिचतुष्कस्य ऋजुसूत्रादिचतुष्के-१७९ ...आत्मज्योतिस्फुरणरूप ब्रह्म का कोई साधक ऽवतारः नहीं १६६ ...निक्षेपेषु द्रव्य-पर्यायनययुगलावतारः १७९ ...अभेदभावकृत संकेत शब्दार्थतादात्म्य असिद्ध १६६ ... ऋजुसूत्रादि चार नयों में सौत्रान्तिकादि चार | १८०....शब्दार्थनित्यसम्बन्धवादिमीमांसकमतनिरसनम् मतों का प्रवेश १८० ...अशुद्धद्रव्यास्तिकमतप्रविष्ट मीमांसकनित्य१६६ ...निक्षेपों में द्रव्यार्थिक-पर्यायार्थिक का अवतार सम्बन्धवादसमीक्षा १६७ ...षष्ठगाथा का अवयवार्थ १६७ ...नामनिक्षेपः- व्याख्या-संकेत-विषयाः |१८१ ...नित्यवाद-अनित्यवाद दोनों को तुल्य १६७ ...नामनिक्षेप के विषय-संकेत-और व्याख्या अनवस्था दोष १६८ ...शब्दब्रह्मवादिभर्तृहरिमतपूर्वपक्षो द्रव्यार्थिका १८२ ...शब्दस्य द्रव्यार्थनिक्षेपरूपताया उपसंहारः १८२ ...स्थापनाया द्रव्यार्थिक निक्षेपरूपता प्रदर्शनम् नुगामी १६८ ...द्रव्यार्थिकसदृश शब्दब्रह्मवादी भर्तहरिमत - | १८२ ...शब्द(= नाम) की द्रव्यार्थनिक्षेपरूपता का पूर्वपक्ष उपसंहार १६९ ...ज्ञानमात्र शब्दानुविद्ध, प्रकाश की वापता | १८२ ...स्थापनानिक्षेप का प्रतिपादन १७० ...पर्यायास्तिक नय से विश्व-वाङ्मयता प्रति | १८३ ...द्रव्यार्थिक नय स्वीकृत-द्रव्यनिक्षेप व्याख्या दोषापादान | १८३ ...विस्तरेण क्षणभङ्गवादनिरसनम् १७१ ...शब्दमयता पक्ष में घट-पटादि में अभेदप्रसंग | १८३ ...द्रव्यार्थिकनयमान्य द्रव्यनिक्षेपव्याख्या १७२ ...क्षणिकत्व की तरह शब्दमयता के असंवि- | १८४ ...द्रव्यार्थिकनय से क्षणभंगवाद का विस्तृत दितत्व की अनुपपत्ति निरसन प्रारम्भ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003803
Book TitleSanmati Tark Prakaran Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaydevsuri
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year2010
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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