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________________ [१४९५] रसओ कसाए जे उ , भइए से उ वण्णओ । गंधओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९६] रसओ अंबिले जे उ , भइए से उ वण्णओ | गंधओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९७] रसओ महरए जे उ , भइए से 3 वण्णओ । गंधओ फासओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९८] फासओ कक्खडे जे उ , भइए से उ वण्णओ | गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१४९९] फासओ मउए जे उ , भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५००] फासओ गुरुए जे उ , भइए से उ वण्णओ | गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५०१] फासओ लहुए जे उ , भइए से 3 वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५०२] फासओ सीयए जे उ , भइए से उ वण्णओ | गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५०३] फासओ उण्हए जे उ , भइए से 3 वण्णओ | अज्झयणं-३६ गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५०४] फासओ निद्धए जे उ , भइए से 3 वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५०५] फासओ लुक्खए जे उ , भइए से 3 वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए संठाणओ वि य ।। [१५०६] परिमंडल-संठाणे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए फासओ वि य || [१५०७] संठाणओ भवे वट्टे , भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए फासओ वि य ।। [१५०८] संठाणओ भवे तंसे भइए से 3 वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए फासओ वि य ।। [१५०९] संठाणओ जे चउरंसे , भइए से 3 वण्णओ । गंधओ रसओ चेव , भइए फासओ वि य ।। [१५१०] जे आययसंठाणे भइए से 3 वण्णओ। गंधओ रसओ चेव , भइए फासओ वि य ।। [१५११] एसा अजीव-विभत्ती , समासेण वियाहिया । इत्तो जीवविभत्तिं , वुच्छामि अ नुपुव्वसो ।। दीपरत्नसागर संशोधितः] [971 [४३-उत्तरज्झयणं]
SR No.003785
Book TitleAgam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages112
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 43, & agam_uttaradhyayan
File Size2 MB
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