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अज्झसयणं-१, उद्देसो
[४४] कायव्वाऽऽयंबिल-क्खमणं दस दिने पंचमंगलं |
परिजवियव्वेऽढसयं सयहा तदुवरिं अट्ठमं करे [४५] अट्ठम-भत्तेण पारेत्ता काउणाऽऽयंबिलं तओ ।
चेइय-साह य वंदित्ता करिज्ज खंतमरिसियं ।। [४६] जे केइ दुट्ठ संलत्ते जस्सुवरिं दुडु चिंतियं ।
जस्स य दुहु कयं जेण पडिदुर्ल्ड वा कयं भवे ।। [४७] तस्स सव्वस्स तिविहेणं वाया मनसा य कम्मुणा ।
नीसल्लं सव्वभावेणं दाउं मिच्छा मि दुक्कडं ।। [४८] पुणो वि वीयरागाणं पडिमाओ चेइयालए ।
पत्तेयं संथणे वंदे एगग्गो भत्ति-निब्भरो ।। [४९] वंदित्तु चेइए सम्म छट्ठभत्तेण परिजवे ।
इमं सुयदेवयं विज्जं लक्खहा चेइयालए || [५०] उवसंतो सव्वभावेणं एगचित्तो सुनिच्छिओ ।
आउत्तो अव्ववक्खित्तो रागरइ-अरइ-वज्जिओ || [५१] अ उ म् । अ म् ओ क् ओ टु अ ब उ ई ण् अ म्, अ उ म् न् अ म् ओ प अ य आ ण् 3 स् आ र् ई ण् अ म्, अ उ म् न् अ म् ओ स् अ म् भू इ अस् ओ ई ण् अम्, अ उ म् न् अम् ओ ख ई र् आ स व ल द्ध ई ण् अम्, अ उ म् न् अम् ओ स व्व ओ सहि ल द्ध ई ण अ म अ उ म न अ म ओ अ क ख ई ण अ म अह आ णस लद्धई णअम,
अ उ म् न अ म् ओ भगवओ अरहओ महइ महावीर वद्धमाणस्स धम्म तित्थंकरस्स अउम् न म् ओ सव्व धम्मतित्थंकराणं अउम् न म्ओ सव्व सिद्धाणं अउम् ण म्ओ सव्व साहूणं अउम् न म्ओ भगवतो मइ न् आ णस्स अउम् न म्ओ भगवओ सुय न् आणस्स अउम् अम् ओ भगवओ ओह्इ नआणस्स अउम न अ म ओ भगवओ मनपज्जव न आ णस्स अउम न म ओ भगवओ क ए वल न आ णस्स अउम् न म्ओ भगवतीए सुय द्ए अ य आ ए सिज्झउ म्ए सु य् आ हि वा एसा महा] विज्जा अउम् न म्ओ भगवओ अउम् न म्ओ झम् अउम् न् अम् ओ अउम् नम्ओ आ औ अभिवत्तीलक्खणं सम्मइंसणं अउम् नमओ अट्ठआ र स् अ सई ल अम् ग-सहस्साहिट्ठियस्स ई स्अम ग ण्ड एण्ड य् आ ण् अ ई सल्ल ण् इ भय सल्लगत्तण स्अ र् अण्ण सव्वदुक्खनिम्महणपरमनिव्वुइकरस्स णं पवयणस्स परमपवित्तमस्सेति ।
__ [ॐ नमो कोढवुद्धीणं ॐ नमो पयाणुसारीणं ॐ नमो संभिण्णसोईणं ॐ नमो खीरासवलद्धीणं ॐ नमो सव्वोसहिलद्धीणं ॐ नमो अक्खीणमहानसलद्धीणं ॐ नमो भगवओ अरहओ महइमहावीरवद्धमाणस्स धम्मतित्थंकरस्स ॐ नमो सव्वधम्मतित्थंकराणं ॐ नमो सव्वसिद्धाणं ॐ नमो सव्वसाहणं ॐ नमो भगवतो मइनाणस्स, ॐ नमो भगवओ सुयनाणस्स, ॐ नमो भगवओ ओहिनाणस्स ॐ नमो भगवओ मनपज्जवनाणस्स ॐ नमो भगवओ केवलनाणस्स ॐ नमो भगवतीए सयदेवयाए सिज्झउ मे सुयाहिवा विज्जा ॐ नमो भगवओ ॐ नमो वं ॐ नमो ॐ नमो आ औ अभिवत्ती लक्खणं सम्मइंसणं ॐ नमो अट्ठारससीलंगसहस्साहिद्वियस्स नीसंगणिणियाण नीसल्लनिभय-सल्लगतण [दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[३९-महानिसीह