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[८५] गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं निक्खिवित्ता ओहाएज्जा तिन्नि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा तिहिं
संवच्छरेहिं उद्देसो-३
वीइक्कंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स निव्विगारस्स एवं से कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा |
[८६] आयरिय-उवज्झाए आयरिउवज्झायत्तं अनिक्खिवित्ता ओहाएज्जा जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा |
[८७] आयरिय-उवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं निक्खिवित्ता ओहाएज्जा तिन्नि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा तिहिं संवच्छरेहिं वीइक्कंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स निव्विगारस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए धारेत्तए वा |
[८८] भिक्खू य बहुस्सुए बज्झागमे बहुसो बहुआगाढानागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ।
[८९] गणावच्छेइए बहुस्सुए बज्झागमे बहुसो बहुआगाढानागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ।। [९०] आयरिय-उवज्झाए बस्सुए बज्झागमे बहुसो बहुआगाढ
में बहुसो बहुआगाढानागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ।
___ [९१] बहवे भिक्खुणो बहुस्सुया बज्झागमा बहुसो बहुआगाढानागाढेसु कारणेसु माई मुसावई असुई पावजीवी जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ।
[९२] बहवे गणावच्छेइया बहुस्सुया बज्झागमा बहुसो बहुआगाढानागाढेसु कारणेसु माई मुसावई असुई पावजीवी जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ।
[९३] बहवे आयरिय-उवज्झाया बहुस्सुया बज्झागमा बहुसो बहुआगाढानागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा | [९४] बहवे भिक्खुणो बहवे गणावच्छेड्या बहवे आयरिय-उवज्झाया बहुस्सुया बज्झागमा
वजीवी जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ।।
• तइओ उद्देसो समत्तो .
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[३६-ववहारो]
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