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गाहा-१६९
[१६९] इत्थ किर विमाणाणं बत्तीसं वण्णिया सयसहस्सा |
सोहम्म-कप्पवइणो सक्कस्स महानुभागस्स ।। [१७०] ईसाण-कप्पवइणो अट्ठावीसं भवे सयसहस्सा |
बारस्स सयसहस्सा कप्पम्मि सणंकुमारम्मि ।। [१७१] अठेव सयसहस्सा माहिदंमि 3 भवंति कप्पम्मि |
चत्तारि सयसहस्सा कप्पम्मि 3 बंभलोगम्मि || [१७२] इत्थ किर विमाणाणं पन्नासं लंतए सहस्साइं ।
चत्तारि महासुक्के छच्च सहस्सा सहस्सारे ।। [१७३] आनय-पानयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणऽच्चुए तिन्नि ।
सत्त विमाणसयाई चउस वि एएस कप्पेस ।। [१७४] एयाई विमाणाई कहियाइं जाइं जत्थ कप्पम्मि | कप्पवईण वि सुंदरि
! ठिई विसेसे निसामेहि ।। [१७५] दो सागरोवमाइं सक्कस्स ठिई महानुभागस्स |
साहीया ईसाने सत्तेव सणंकुमारम्मि || [१७६] माहिंदे साहियाई सत्त दस चेव बंभलोगम्मि |
चठदस लंतइ कप्पे सत्तरस भवे महासुक्के ।। [१७७] कप्पम्मि सहस्सारे अठारस सागरोवमाई ठिई ।
एगुणवीसाऽऽनयकप्पे वीसा पुण पाणए कप्पे ।। [१७८] पुण्णा य इक्कवीसा उदहिसनामाण आरणे कप्पे ।
अह अच्चुयम्मि कप्पे बावीसं सागराण ठिई ।। [१७९] एसा कप्पवईणं कप्पठिई वण्णिया समासेणं ।
गेवेज्जऽनुत्तराणं सुणऽनुभागं विमाणाणं ।। [१८०] तिन्नेव य गेविज्जा हिट्ठिल्ला मज्झिमा य उवरिल्ला ।
इक्किक्कंपि य तिविहं नव एवं हंति गेवेज्जा ।। [१८१] सुदंसणा अमोहा य, सुप्पबुद्धा जसोधरा |
वच्छा सुवच्छा सुमना, सोमनसा पियदंसणा ।। [१८२] एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमए सत्तुतरं च मज्झिमए ।
सयमेगं उवरिमए पंचेव अनुत्तरविमाणा ।। [१८३] हेट्ठिमगेविज्जाणं तेवीसं सागरोवमाइं ठिई ।
इक्किक्कमारुहिज्जा अटठहिं सेसेहिं नमियंगी [१८४] विजयं च वेजयंतं जयंतमपराजियं च बोद्धव्वं ।
सव्वट्ठसिद्धनाम होइ चउण्हं तु मज्झिमयं ।। [१८५] पुव्वेण होइ विजयं दाहिणओ होइ वेजयंतं तु | अवरेणं तु जयंतं अवराइयमुत्तरे पासे ।।
[दीपरत्नसागर-संशोधितः]
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[३२ देविंदत्थओ]