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________________ अज्जाओ वंदइ जाव नमंसित्ता जामेव दिसिं पाउब्भया तामेव दिसि पडिगया, तए णं सा सोमा माहणी समणोवासिया जाया- भिगयजीवाजीवा जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । तए णं ताओ सुव्वयाओ अज्जाओ अन्नया कयाइ बिभेलाओ सन्निवेसाओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता बहिया जनवयविहारं विहरंति तए णं ताओ सुव्वयाओ अज्जाओ अन्नया कयाइ पुव्वाणपव्विं चरमाणीओ जाव विहरंति, तए णं सा सोमा माहणी इमीसे कहाए लद्धता समाणी हद्वा० ण्हाया तहेव निग्गया जाव वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता धम्म सोच्चा जाव नवरं-रहकूडं आपुच्छामि तए णं पव्वयामि, अहासहं० तए णं सा सोमा माहणी सव्वयाओ अज्जाओ वंदड़ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता सव्वयाणं अंतियाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता जेणेव सए गिहे जेणेव रहकूडे तेणेव उवागच्छड़ अज्झयणं-४ उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहिया तहेव आपुच्छइ जाव पव्वइत्तए, अहासुहं देवाणुप्पिए! मा पडिबंधं० ते णं से रहकूडे विउलं असनं तहेव जहा पव्वभवे सुभद्दा जाव अज्जा जाया- इरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी । तए णं सा सोमा अज्जा सुव्वयाणं अज्जाणं अंतिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जइ अहिज्जित्ता बहूहिं चउत्थ-छट्टट्ठम-दसम-दुवालसेहिं जाव भावेमाणी बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेत्ता सट्ठि भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा सक्कस्स देविंदस्स देवरणो सामाणियदेवत्ताए उववज्जिहिइ, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दो सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, तत्थ णं सोमस्सवि देवस्स दो सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता से णं भंते! सोमे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा! महाविदेहे वासे जाव अंतं काहिइ । एवं खल जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं पुप्फियाणं चउत्थस्स अज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते त्ति बेमि । 0 पंचम अज्झयणं-पुन्नभद्दे 0 [९] जइ णं भंते! समणेणं भगवया महावीरेणं उक्खेवओ० एवं खल जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए राया, सामी समोसरिए, परिसा निग्गया, तेणं कालेणं तेणं समएणं पुन्नभद्दे देवे सोहम्मे कप्पे पुन्नभद्दे विमाणे सभाए सुहम्माए पुन्नभइंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा सूरियाभे जाव बत्तीसइविहं नट्टविहिं उवदंसित्ता जाव जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसि पडिगए, कूडागारसाला० पुव्वभवपुच्छा, एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे मणिवइया नामं नयरी होत्था रिद्ध-त्थिमिय-समिद्धा, चंदोतारायणे चेइए, तत्थ णं मणिवइयाए नयरीए पुन्नभद्दे नाम गाहावई परिवसई अड्ढे० तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना जाव जीवियास-मरणभयविप्पमुक्का बहुस्सुया बहुपरियारा पुव्वाणुपुव्विं चरमाणा जाव समोसढा, परिसा निग्गया, तए णं से पुन्नभद्दे गाहावई इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हद्वतुढे जाव जहा पन्नत्तीए गंगदते तहेव निग्गच्छड़ जाव निक्खंतो जाव गुत्तबंभयारी, दीपरत्नसागर संशोधितः] [13] [२१-पुप्फियाणं]
SR No.003741
Book TitleAgam 21 Puffiyanam Dasamam Uvvangsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages15
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 21, & agam_pushpika
File Size849 KB
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