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________________ [३१] से किं तं तेउक्काइया, तेउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- सुहुमतेउक्काइया य बादरतेउक्काइया य, से किं तं सुहुमतेउक्काइया, सुहुमतेउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य से त्तं सुहुमतेउक्काइया, से किं तं बादरतेउक्काइया बादरतेउक्काइया अणेगविहा पन्नत्ता तं जहा- इंगाले जाला मुम्मुरे च्ची अलाए सुद्धागणी उक्का विज्जू असणी निग्धाए संधरिससमुट्ठिए सूरकंतपद-१ मणिणिस्सिए जे यावण्मे तहप्पगारा ते समासतो दुविहा पन्नत्ता तं जहा- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य तत्थ णं जेते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता तत्थ णं जेते पज्जत्तगा एएसि णं वण्णादेसेणं जाव नियमा असंखेज्जा से त्तं बादरतेउक्काइया से त्तं तेउक्काइया । __[३२] से किं तं वाउक्काइया, वाउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- सुहुमवाउक्काइया य बादरवाउक्काइया य, से किं तं सुहुमवाउक्काइया, सुहुमवाउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- पज्जत्तगसुहुमवाउक्काइया य अपज्जत्तगसुहुमवाउक्काइया य से त्तं सुहुमवाउक्काइया, से किं तं बादरवाउक्काइया बादरवाउक्काइया अणेगविहा पन्नत्ता तं जहा- पाईणवाए पडीणवाए दाहिणवाए उदीणवाए अहोवे तिरियवाए विदिसीवाए वुब्भामे वाउक्कलिया वायमंडलिया उक्कलियावाए मंडलियावाए गुंजावाए झंझावाए संवगवाए घणवाए तनुवाए सुद्धवाए जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासतो दुविहा पन्नत्ता तं जहापज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य तत्थ णं जेते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता तत्थ णं जेते पज्जत्तगा एतेसि णं वण्णादेसेणं जाव नियमा असंखेज्जा से त्तं बादरवाउक्काइया से त्तं वउक्काइया | [३३] से किं तं वणस्सइकाइया, वणस्सइकाइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- सुहमवणस्सइकाइया य बादरवणस्सइकाइया य । __ [३४] से किं तं सुहुमवणस्सइकाइया, सुहुमवणस्सइकाइया दुविहा पन्नत्ता तं जहापज्जत्त-सुहुमवणस्सइकाइया य अपज्जत्तसुहुमवणस्सइकाइया य, से त्तं सुहुमवणस्सइकाइया । [३५] से किं तं बादरवणस्सइकाइया, बादरवणस्सइकाइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया य साहारणसरीरबादरवणस्सइकाइया य । [३६] से किं तं पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया दुवालसविहा पन्नत्ता [तं जहा] । [३७] रुक्खा गुच्छा गुम्मा लता य वल्ली य पव्वगा चेव । तण वलय हरिय ओसहि जलरुह कुहणा य बोधववा | [३८] से किं तं रुक्खा, रुक्खा दुविहा पन्नत्ता तं जहा- एगट्ठिया या बहुवीयगा य से किं तं एगट्ठिया, एगट्ठिया अमेगविहा पन्नत्ता [तं जहा] [३९] निबंब जंबु कोसंब साल अंकोल्ल पीलु सेलू य । सल्लइ मोयइ मालुय बउल पलासे करंजे य । [४०] पुत्तंजीवयरिटे बिभेलए हरडए य भल्लाए । उंबेभरिया खीरिणि बोधव्वे धायइ पियाले । [४१] पूई य निंबकरए सेण्हा तह सीसवा य असने य । पुण्णाग नागरुक्खे सीवण्णि तहा असोगे य । दीपरत्नसागर संशोधितः] [8] [१५-पन्नवणा]
SR No.003729
Book TitleAgam 15 Pannavana Chauttham Uvvangsuttam Mulam PDF File Without Correction
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2013
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size3 MB
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