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________________ [२०] से किं तं पुढविकाइया, पुढविकाइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- सुहुमपुढविकाइया य बादरपुढविकाइया य । पद-१ [२१] से किं तं सुहुमपुढविकाइया, सुहुमपुढविकाइया दुविहा पन्नत्ता तं जहापज्जत्तसुहुमपुढविकाइया य अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइया य से त्तं सुहुमपुढविकाइया । [२२] से किं तं बादरपुढविकाइया, बादरपुढविकाइया दुविहा पन्नत्ता तं जहासण्हबादरपुढविकाइया य खरबादरपुढविकाइया य । [२३] से किं तं सहबादरपुढविकाइया, सण्हबादरपुढविकाइया सत्तविहा पन्नत्ता तं जहाकिण्हमत्तिया नीलमत्तिया लोहियमत्तिया हालिद्दमत्तिया सुक्किलमत्तिया पंडुमत्तिया पणगमत्तिया से त्तं सण्हबादरपुढविकाइया । [२४] से किं तं खरबादरपुढविकाइया खरबादरपुढविकाइया अणेगविहा । [२५] पुढवी य सक्करा वालुया य उवले सिला य लोणूसे | अय तंब तय सीसय रुप्प सवण्णे य वइरे य । [२६] हरियाले हिंगुलुए मणोसिला सासगंजण पवाले । अब्भपडलब्भवालुय बादरकाए मणिविहाणा । गोमेज्जए य रुयए अंके फलिहे य लोहियक्खे य । मरगय मसारगल्ले भुयमोयग इंदनीले य । [२८] चंदण गेरुय हंसे पुलए सोगंधिए य बोधव्वे । चंदप्पभ वेरुलिए जलकंते सूरकंते य । [२९] जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासतो दुविहा पन्नत्ता तं जहा- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य तत्थ णं जेते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता तत्थ णं जेते पज्जत्तगा एतेसि णं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई संखेज्जाई जोणिप्पमहसतसहस्साई पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति-जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेज्जा से त्तं खरबादरपुढविकाइया से त्तं बादरपुढविकाइया से त्तं पुढविकाइया । ___ [३०] से किं तं आउक्काइया, आउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा- सुहुमआउक्काइया य बादरआउक्काइया य से किं तं सुहुमआउक्काइया, सुहुमआउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तं जहापज्जत्तसुहुमआउक्काइया य अपज्जत्तसुहुमआउक्काइया य से त्तं सुहुमआउक्काइया, से किं तं बादरआउक्काइया बादरआउक्काइया अमेगविहा पन्नत्ता तं जहा- ओसा हिमए महिया करए हरतणुए सुद्धोदए सीतोदए उसिणोदए खारोदए खट्टोदए अंबिलोदए लवणोदए वारुणोदए खीरोदए धओदए खोतोदए रसोदए जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासतो दुविहा पन्नत्ता तं जहा- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य तत्थ णं जेते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता तत्थ णं जेतेत पज्जत्तगा एतेसि णं वण्मादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई संखेज्जाइं जोणिप्पमहसयसहस्साइं पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति-जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेज्जा से त्तं बादरआउक्काइया से त्तं आउक्काइया दीपरत्नसागर संशोधितः] [7] [१५-पन्नवणा]
SR No.003729
Book TitleAgam 15 Pannavana Chauttham Uvvangsuttam Mulam PDF File Without Correction
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2013
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size3 MB
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