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गंथाणुक्कमो
कमको
पडिवत्ति
उद्देसका
सुत्तं
गाहा
पिढेको
१-४४
१-४
१-५१
002
४५-६५
५२-७३
013
६६-९६
६-२४
७४-१२९
023
९७-१०६
१३०-१३९
035 039
१०७-११४
२५-२६
१४०-१५१
११५
१५२
048
048
११६-१२२ १२४-१९१
१९२
१५३-१५९ १६९-३०४
२७-८३
-
059
३०५
114
१९३
३०६
पढमा- दुविह" दोच्चा-"तिविह" तच्चा-“चउव्विह” -नेरड्य -तिरिक्खजोणिय -मणुस्साधिकारो -देवाधिकार (भवणवासी) -दीवसमुद्द -इंदियविसय -देवाधिकार -(जोइस) -(जोइस) (वेमाणिय) |-ठिति, अंतर
चउत्थी-“पंचविह" पंचमी-“छव्विह" छट्ठी-“सत्तविह" सत्तमी-“अट्ठविह" अट्ठमी-"नवविह" नवमी-“दसविह" सव्वजीव-पडिवत्ति
114 115
३०७
116
१२३
- १९४-२०७८४-८५ २०८-२२२ ८६-८८ २२३-२२४
३०८-३२३ ३२४-३४१ ३४२-३४३
120
126 126
२२५-२२६
३४४-३४५
२२७-२४०
८९-९२
३४६-३६४
127
२४१
३६५
133
२४२
३६६
134
२४३
३६७
135
२४४
135
३६८३६९-३९८
१०
२४५-२७६
136
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दीपरत्नसागर संशोधितः]
[1]
[१४-जीवाजीवाभिगम]