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________________ [] नवमं अज्झयणं पिउसेणकण्हा [] [५८] एवं-पिउसेणकण्हा वि नवरं मुत्तावलिं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ता णं विहरड़ तं जहाचउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ छट्ठे करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ अट्ठमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणयं पारेइ दसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ दुवालसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चोद्दसमं करेइ करेत्ता सव्वकाम-गुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुमियं पारेइ सोलसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ अट्ठारसमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ । चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ वीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ बावीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउवीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेड् चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ छव्वीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ अट्ठावीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ तीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ बत्तीसइं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चोत्तीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ बत्तीसइमं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ एवं तहेव ओसारेइ जाव चउत्थं करेइ करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ । एक्काए कालो एक्कारस मासा पन्नरस य दिवसा चउण्हं तिण्णि वरिसा दस य मासा सेसं जाव सिद्धा । • अट्ठमे वग्गे नवमं अज्झयणं समत्तं • [] दसमं अज्झयणं महासेणकण्हा [] [५९] एवं-महासेणकण्हा वि नवरं-आयंबिलवड्ढमाणं तवोकम्मं उपसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा- आयंबिलं करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ, बे आयंबिलाई करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ, तिण्णि आयंबिलाई वग्गो-८, अज्झयणं - १० करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ, चत्तारि आयंबिलाई करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ, पंच आयंबिलाई करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ छ आयंबिलाई करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ एवं एक्कुत्तरियाए वड्ढीए आयंबिलाई वड्ढति चउत्थंतरियाई जाव आयंबिलसयं करेइ करेत्ता चउत्थं करेइ । तणं सा महासेणकण्हा अज्जा आयंबिलवड्ढमाणं तवोकम्मं चोद्दसहिं वासेहिं तिहि य मासेंहिं वीसहि य अहोरत्तेहिं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव अज्जचंदणा अज्जा तेणेव उवागया उवागच्छित्ता जाव नमंसित्ता बहूहिं चउत्थेहिं जाव भावेमाणी विहरइ । तणं सा महासेणकण्हा अज्जा तेणं ओरालेणं जाव उवसोहेमाणी चिट्ठइ, तए णं तीसे महासेणकण्हाए अज्जाए अण्णया कयाइं पुव्वरत्तावरत्तकाले चिंता जहा - खंदयस्स जाव अज्जचंदणं अज्जं आपुच्छइ जाव संलेहणा, कालं अणवक्खमाणी विहरइ । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [29] [८-अंतगडदसाओ]
SR No.003715
Book TitleAgam 08 Antgaddasao Attham Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages31
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 08, & agam_antkrutdasha
File Size2 MB
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