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तत्थ णं चंपाए देवदत्ता नामं गणिया होत्था, सूमाला जहा अंड-नाए, तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए अण्णया कयाइ पंच गोहिल्लगपरिसा देवदत्ताए गणिये सद्धिं सभूभिभागस्स उज्जायणस्स उज्जाणसिरिं पच्चणब्भवमाणा विहरंति, तत्थ णं एगे गोद्विल्लगपरसे देवदत्तं गणियं उच्छंगे घरेड एगे पिट्ठओ आयवत्तं धरेइ एगे पुप्फपूरगं रएइ एगे पाए रएइ एगे चामरूक्खेवं करेइ ।
तए णं सा सूमालिया अज्जा देवदत्तं गणियं तेहिं पंचहिं गोहिल्लरिसेहिं सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणिं पासइ पासित्ता इमेयारूवे संकप्पे समुप्पज्जित्था- अहो णं इमा इत्थिया पापोराणाणं जाव कम्माणं जाव विहरइ, तं जड़ णं केइ इमस्स सुचरियस्स तव-नियमबंभचेरवासस्स कल्लाणे फलवित्तिविसेसे अत्थि तो णं अहमवि आगमिस्सेणं भवग्गहणेणं इमेयारूवाई उरालाइं जाव विहरिज्जामि त्ति कट्ट नियाणं करेइ करेत्ता आयावणभूमीओ पच्चोरुहइ ।
[१६७] तए णं सा सूमालिया अज्जा सरीरबाउसिया जाया यावि होत्था, अभिक्खणंअभिक्खणं हत्थे धोवेइ पाए धोवेइ सीसं धोवेइ मुहं धोवेइ थणंतराइं धोवेइ कक्खंतराइं धोवेइ गज्झंतराई धोवेइ जत्थ णं ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेएइ तत्थ वि य णं पुव्वामेव उदएणं अब्भुक्खेत्ता तओ पच्छा ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेएइ ।
तए णं ताओ गोवालियाओ अज्जाओ सूमालियं अज्जं एवं वयासी- एवं खल अज्जे अम्हे समणीओ निग्गंथीओ इरियासमियाओ जाव बंभचेरधारिणीओ नो खल कप्पड़ अम्हं सरीरबाउसियाए होत्तए, तमं च णं अज्जे सरीरबाउसिया अभिक्खणं-अभिक्खणं हत्थे धोवेसि जाव चेएसि, तं तुम णं देवाणप्पियए! एयस्स ठाणस्स आलोएहिं जाव पडिवज्जाहि तए णं सा सूमालिया गोवालियाणं अज्जाणं स्यक्खंधो-१, अज्झयणं-१६
एयमटुं नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी विहरइ ।
तए णं ताओ अज्जाओ सूमालियं अज्जं अभिक्खणं-अभिक्खणं हीलेंति जाव परिभवंति, अभिक्खणं-अभिक्खणं एयमटुं निवारेंति तए णं तीसे समालियाए समणीहिं निग्गंथीहि हीलिज्जमाणीए जाव निवारिज्जमाणीए इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव सम्प्पज्जित्था, जया णं अहं अगारवासमज्झे वसामि तया णं अहं अप्पवसा, जया णं अहं मंडा भवित्ता पव्वइया तया णं अहं परवसा, पव्विं च णं ममं समणीओ आढ़ति परिजाणंति इयाणिं नो आढ़ति नो परिजाणंति तं सेयं खलु मम कल्लं पाउप्पभायाए० गोवालियाणं अज्जाणं अंतियाओ पडिनिक्खमित्ता पाडिएक्कं उवस्सयं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए त्ति कट्ट एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए० गोवालियाणं अज्जाणं अंतियाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता पाडिएक्कं उवस्सयं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ ।
तए णं सा सूमालिया अज्जा अणोहट्टिया अनिवारिया सच्छंदमई अभिक्खणं-अभिक्खणं हत्थे धोवेइ एइ तत्थ वि य णं पासत्था पासत्थिविहारिणी ओसन्ना ओसन्नविहारिणी कुसीला कुसीलविहारिणी संसत्ता संसत्तविहारिणी बहण वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ० अद्धमासियाए संलेहणाए० तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे अण्णयरंसि विमाणंसि देवगणियत्ताए उववण्णा, तत्थेगइयाणं देवीणं नवपलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता, तत्थ णं समालियाए देवीए नवपलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता ।
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[६-नायाधम्मकहाओ]