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सतं-२६, वग्गो- ,सत्तंसतं- , उद्देसो-१
एवं कण्हलेस्से वि, नीललेस्से वि, काउलेस्से वि।
एवं कण्हपक्खिए, सुक्कपक्खिए; सम्मद्दिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी; नाणी, आभिणिबोहियनाणी, सुयनाणी, ओहिनाणी; अन्नाणी, मतिअन्नाणी, सुयअन्नाणी, विभंगनाणी; आहारसन्नोवउत्ते जाव परिग्गहसन्नोवउत्ते; सवेयए, नपुंसकवेयए; सकसायी जाव लोभकसायी; सजोगी, मणजोगी, वइजोगी, कायजोगी; सागरोवउत्ते अणागारोवउत्ते। एएसु सव्वेसु पएसु पढम-बितिया भंगा भाणियव्वा।
एवं असुरकुमारस्स वि वत्तव्वया भाणियव्वा, नवरं तेउलेस्सा, इत्थिवेयग-पुरिसवेयगा य अब्भहिया, नपुंसगवेयगा न भण्णंति। सेसं तं चेव। सव्वत्थ पढम-बितिया भंगा।
___एवं जाव थणियकुमारस्स।
एवं पुढविकाइयस्स वि, आठकाइयस्स वि जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स वि, सव्वत्थ वि पढम-बितिया भंगा। नवरं जस्स जा लेस्सा, दिट्ठी, नाणं, अन्नाणं, वेदो, जोगो य, जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणियव्वं। सेसं तहेव।
मणूसस्स जच्चेव जीवपए वत्तव्वया सच्चेव निरवसेसा भाणियव्वा। वाणमंतरस्स जहा असुरकुमारस्स। जोतिसिय-वेमाणियस्स एवं चेव, नवरं लेस्साओ जाणियव्वाओ, सेसं तहेव भाणियव्वं।
[९७९]जीवे णं भंते! नाणावरणिज्जं कम्मं किं बंधी, बंधति, बंधिस्सति? एवं जहेव पावस्स कम्मस्स वत्तव्वया भणिया तहेव नाणावरणिज्जस्स वि भाणियव्वा, नवरं जीवपए मणुस्सपए य सकसायिम्मि जाव लोभकसाइम्मि य पढम-बितिया भंगा। अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिए।
एवं दरिसणावरणिज्जेण वि दंडगो भाणियव्वो निरवसेसं।
जीवे णं भंते! वेयणिज्जं कम्मं किं बंधी0 पुच्छा। गोयमा! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, बंधति, न बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति।
सलेस्से वि एवं चेव ततियविहणा भंगा। कण्हलेस्से जाव पम्हलेस्से पढम-बितिया भंगा। सुक्कलेस्से ततियविहणा भंगा। अलेस्से चरिमो। कण्हपक्खिए पढम-बितिया। सुक्कपक्खिए ततियविहूणा। एवं सम्मद्दिट्ठिस्स वि। मिच्छद्दिट्ठिस्स सम्मामिच्छादिठिस्स य पढम-बितिया। णाणिस्स ततियविहूणा। आभिनिबोहियनाणी जाव मणपज्जवनाणी पढम-बितिया। केवलनाणी ततियविहूणा। एवं नोसन्नोवउत्ते, अवेदए, अकसायी, सागरोवउत्ते, अणागारोवउत्ते, एएसु ततियविहूणा। अजोगिम्मि य चरिमो। सेसेसु पढम-बितिया।
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[५-भगवई