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________________ सतं-२०, वग्गो-,सत्तंसत्तं-, उद्देसो-५ लोहिया य, हालिए य, सुक्किलए य सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य, सिय कालगा य, नीलगे य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलए य; सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य; एए सोलस भंगा। एवं सव्वमेते एक्कग- दुयग-तियगचक्कग-पंचगसंजोगेणं दो सोला भंगसता भवंति । गंधा जहा चप्पएसियस्स । रसा जहा एयस्स चेव वण्णा । फासा जहा चउप्पएसियस्स । अट्ठपदेसियस्स णं भंते! खंधे० पुच्छा। गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा सत्तपदेसियस्स जाव सिय चतुफासे पन्नत्ते। जति एगवण्णे, एवं एगवण्ण- दुवण्ण-तिवण्णा जहेव सत्तपएसिए । जति चठवण्णेसिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य; एवं जहेव सत्तपदेसिए जाव सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दगे य, सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दगा य; एए सोलस भंगा। एवमेते पंच चउक्कगसंजोगा; सव्वमेते असीति भंगा। जति पंचवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य सिय कालगे य, नीलगे य, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य; एवं एएणं कमेणं भंगा चारेयव्वा जाव सिय कालए य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुक्किलगे य, एसो पन्नरसमो भंगो; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य, सुक्किलए य, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य हालिद्दगा य, सुक्किलए य सिय कालगा य, नीलगे य, लोहियए य, हालिद्दगा य सुक्किलगा य; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलए य सिय कालगा य, नीलए य लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य; सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुक्किलगे य; सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य, सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य; सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलए य; एए पंचगसंजोएणं छव्वीसं भंगा भवंति । एवामेव सपुव्वावरेणं एक्कग-दुयग-तियग- चउक्कग-पंचगसंजोएहिं दो एक्कतीसं भंगसया भवंति । गंधा जहा सत्तपएसियस्स । रसा जहा एयस्स चेव वण्णा । फासा जहा चउप्पएसियस्स । नवपदेसियस्स० पुच्छा । गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा अट्ठपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जति एगवण्णे, एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्ण चठवण्णा जहेव अट्ठपएसियस्स । जति पंचवणे--सि कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य, सुक्किलगा य; एवं परिवाडीए एक्कतीसं भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य; एए एक्कत्तीस भंगा। एवं एक्कग- दुयग-तियग- चउक्कग-पंचगसंजोएहिं दो छत्तीसा भंगसया भवंति । गंधा जहा अठपएसियस्स । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [397] [५-भगवई
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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