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सतं-२०, वग्गो- ,सत्तंसतं- , उद्देसो-३
0 तइओ उद्देसो 0 [७८३] अह भंते! पाणातिवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले, पाणातिवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, उप्पत्तिया जाव पारिणामिया, उग्गहे जाव धारणा, उट्ठाणे, कम्मे, बले, वीरिए, पुरिसक्कारपरक्कमे, नेरइयत्ते, असुरकुमारते जाव वेमाणियत्ते, नाणावरणिज्जे जाव अंतराइए, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, सम्मदिट्ठी ३, चक्खुदंसणे ४, आभिणिबोहियणाणे जाव विभंगनाणे, आहारसन्ना ४ ओरालियसरीरे ५, मणोजोए ३, सागारोवयोगे अणागारोवयोगे, जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते णऽन्नत्थ आयाए परिणमंति? हंता, गोयमा! पाणातिवाए जाव ते णऽन्नत्थ आताए परिणमंति।
[७८४] जीवे णं भंते! गब्भं वक्कममाणे कतिवण्णं कतिगंधं एवं जहा बारसमसए पंचमुद्देसे जाव कम्मओ णं जए, णो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमति। सेवं भंते! सेवं भंते! ति जाव विहरति।
वीसड़मे सए तइओ हेसो समतो.
0 चउत्थो उद्देसो 0 [७८५] कतिविधे णं भंते! इंदियोवचये पन्नते? गोतमा! पंचविहे इंदियोवचये पन्नते, तं जहा--सोतिंदियठवचए एवं बितियो इंदियउद्देसओ निरवसेसो भाणियव्वो जहा पन्नवणाए। सेवं भंते! सेवं भंते! ति भगवं गोयमे जाव विहरड़।
*वीसइमे सए चउत्थो उद्देसो समतो.
0 पंचमो उद्देसो 0 [७८६]परमाणुपोग्गले णं भंते! कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नते? गोयमा! एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पन्नते। जति एगवण्णे-सिय कालए, सिय नीलए, सिय लोहियए, सिय हालिद्दए, सिय सुक्किलए। जति एगगंधे-सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे। जति एगरसे-सिय तिते, सिय कइए, सिय कसाए, सिय अंबिले, सिय महरे। जति दुफासे-सिय सीए य निद्धे य, सिय सीते य लुक्खे य , सिय उसिणे य निद्धे य; सिय उसुणे य लुक्खे य।
दुपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे | एवं जहा अट्ठारसमसए छठुद्देसए जाव सिय दुपएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे।। एवं जहा अट्ठारसमसए छठ्ठद्देसए जाव सिय चउफासे पन्नते। जति एगवण्णे-सिय कालए जाव सिय सुक्किलए। जति द्वण्णे-सिय कालए य नीलए य १, सिय कालए य लोहियए य २, सिय कालए य हालिद्दए य ३, सिय कालए य सुक्किलए य ४, सिय नीलए य लोहियए य ५, सिय नीलए य हालिद्दए य ६, सिय नीलए य सुक्किलए य ७, सिय लोहियए य हालिद्दए य ८, सिय लोहियए य सुक्किलए य ९, सिय हालिद्दए य, सुक्किलए य १०--एवं एए यासंजोगे दस भंगा।
जति एगगंधे-सिय सुब्भिगंधे १, सिय दुब्भिगंधे २। जति दुगंधे--सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य। रसेसु जहा वण्णेसु।
जति दुफासे-सिय सीए य निद्धे य-एवं जहेव परमाणुपोग्गले ४। जति तिफासे--सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; सव्वे उसुणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; सव्वे निद्धे, देसे सीए, देसे उसुणे; सव्वे लुक्खे, देसे
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[५-भगवई