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[७५] नेरइयाणं दो सरीरगा पण्णत्ता तं जहा- अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव, अब्भंतर ए कम्मए बाहिरए वेउव्विए, एवं देवाणं भाणियव्वं पुढविकाइयाणं दो सरीरगा पण्णत्ता तं जहा- अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव अब्भंतरगे कम्मए बाहिरगे ओरालिए जाव वणस्सइकाइयाणं,
बेइंदियाणं दो सरीरा पण्णत्ता तं जहा- अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव अब्भंतरगे कम्मए, अट्ठमंससोणितबद्धे बाहिरगे ओरालिए, एवं जाव चउरिंदियाणं०
ठाणं-२, उद्देसो- १
पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं दो सरीरगा पण्णत्ता तं जहा- अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव, अब्भंतरगे कम्मए अट्ठिमंससोणियणहारुछिराबद्धे बाहिरगे ओरालिए, मणुस्साणं वि एवं चेव । विग्गहगइसमावण्णगाणं नेरइयाण दो सरीरगा पण्णत्ता तं जहा - तेयए चेव कम्मए चेव,
निरंतरं जाव वेमाणियाणं ।
नेरइयाणं दोहिं ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया, तं जहा- रागेण चेव दोसेण चेव, जाव वेमाणियाणं । नेरइयाणं दुट्ठाणणिव्वत्तिए सरीरगे पण्णत्ते तं जहा- रागणिव्वत्तिए चेव दोसणिव्वत्तिए चेव जाव वेमाणियाणं,
दो काया पण्णत्ता तं० जहा तसकाए चेव थावरकाए चेव, तसकाए दुविहे पण्णत्ते तं जहा - भवसिद्धिए चेव अभवसिद्धिए चेव, एवं थावरकाएऽवि ।
[७६] दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पति निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा पव्वावित्तए - पाइणं चेव उदीणं चेव । एवं- मुंडावित्तए सिक्खावित्तए उट्ठावित्तए संभुंजित्तए संवसित्तए सज्झायमुद्दिसित्त सज्झायं समुद्दिसित्तए सज्झायमणुजाणित्तए आलोइत्तए पडिक्कमित्तए निंदित्तए गरहित्तए विउट्टित्तए विसोहित्तए अकरणयाए अब्भुट्ठित्तए अहारिहे पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जित्तए पाईणं चेव उदीणं चेव
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दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पति निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अपच्छिम मारणंतियसंलेहणा-जूसणा-जूसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खिताणं पाओवगताणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए तं जहा- पाईणं चेव उदीणं चेव ।
• बीए ठाणे पढमो उद्देसो समत्तो •
0 बीओ उद्देसो 0
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[७७] जे देवा उड्ढोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा चारट्ठितिया गतिरतिया गतिसमावण्णगा, तेसिणं देवाणं सता समितं जे पावे कम्मे कज्जति तत्थगतावि एगतिया वेदणं वेदेंति अण्णत्थगतावि एगतिया वेदणं वेदेंति, नेरइयाणं सता समियं जे पावे कम्मे कज्जति तत्थगतावि एगतिया वेदणं वेदेंति अण्णत्थगतावि एगतिया वेदणं वेदेंति, जाव पंचेदियातिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं सता समित्तं जे पावे कम्मे कज्जति इरगतावि एगतिया वेदणं वेदेंति अण्णत्थगतावि गत वेद वेदेति मणुस्वज्जा सेसा एक्कगमा ।
[७८] नेरतिता नेरइया दुगतिया दुयागतिया प० तं०- नेरइए नेरइएस उववज्जमाणे मणुस्सेहिंतो वा पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो वा उववज्जेज्जा, स चेव णं से नेरइए नेरइयत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा पंचिदियतिरिक्ख - जोणियत्ताए वा गच्छेज्जा, एवं असुरकुमारावि, नवरं- से
[मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः ]
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[३-ठाणं]