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________________ छह संदर्भ स्थल १. भय के सात स्थान २. मद के आठ स्थान ३. ब्रह्मचर्य की नव गुप्तियां ४. दस प्रकार का श्रमण-धर्म ५. उपासक की ग्यारह प्रतिमाएं ६. भिक्षु की बारह प्रतिमाएं ७. तेरह क्रिया - स्थान ८. चौदह भूतग्राम - जीव- समूह ९. परमधार्मिक देवों के पन्द्रह प्रकार १०. गाथा - षोडषक ११. सतरह प्रकार का असंयम १२. अठारह प्रकार का ब्रह्मचर्य १३. ज्ञाता के उन्नीस अध्ययन १४. समाधि के बीस स्थान १५. शबल के इक्कीस प्रकार १६. बावीस परीषह १७. सूत्रकृतांग के तेईस अध्ययन १८. देव के चौबीस प्रकार १९. पचीस भावनाएं २०. तीन आगम के छबीस उद्देशन- काल २१. अनगार के सताबीस गुण २२. आचार-प्रकल्प (अट्ठाइस ) २३. पाप श्रुत प्रसंग (उनतीस ) २४. मोहनीय के स्थान (तीस) २५. सिद्धों के आदि-गुण (इकतीस ) २६. योग संग्रह (बत्तीस ) २७. आशातना ( तेतीस ) ५. काउस्सग्गो १. अइयार विसोहण - सुत्तं २. नमुक्कार-सुत्तं ३. सामाइय-सुत्तं ४. अइयार - चितण- सुत्तं ५. काउस्सग्गपइण्णा-सुत्तं Jain Educationa International For Personal and Private Use Only ३९ ३९ ३९ ४० ४० ४१ ४१ ४२ ४२ ४२ ४२ ४३ ४३ ४३ ४४ ४५ ४६ ४६ ४६ ४७ ४७ ४८ ४८ ४८ ४९ ५० ५१ ५२ –५४ ५२ ५२ ५२ ५२ ५२ www.jainelibrary.org
SR No.003698
Book TitleShraman Pratikraman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages80
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, M000, & M001
File Size3 MB
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