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श्रमण प्रतिक्रमण
चाहता हूं - प्राण, बीज और हरितकाय का अतिक्रमण तथा ओस, चींटियों के बिलों, फफुंदी, कीचड़ और मकड़ी के जालों का संक्रमण करते समय जो इन जीवों की विराधना की हो, सामने आते हुए एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और पञ्चेन्द्रिय जीवों को हत प्रतिहत किया हो, उनकी दिशा बदली हो, उन्हें चोट पहुंचाई हो, इकट्ठा किया हो, हिलाया - डुलाया हो, सताया हो, क्लान्त किया हो, उत्पीड़ित किया हो, स्थानान्तरित किया हो और उन्हें मार डाला हो तो उससे संबंधित मेरा दुष्कृत निष्फल हो । ६. सेज्जा अइयार - पडिक्कमण-सुत्तं
इच्छामि पडिक्क मिउं पगामसेज्जाए निगामसेज्जाए उब्वट्टणाए परिवट्टणाए आउंटणाए पसारणाए छप्पइयसंघट्टणाए कूइए कक्कराइए छीए जंभाइए आमोसे ससरक्खामोसे, आउलमाउलाए सोयणवत्तिआए इत्थी विप्परिया सिआए दिट्ठिविपरियासिआए मणविपरिया सिआए पाणभोयणविप्परियासिआए तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।
संस्कृत छाया
इच्छामि
प्रतिक्रमितुं
प्रकामशय्यायां
निकामशय्यायां
उद्वर्तनायां
परिवर्तनायां
आकुंचनायां
प्रसारणायां
षट्पदिका संघट्टनायां
कूजिते
'कक्कराइए '
क्षुते जृम्भिते
शब्दार्थ
इच्छा करता हूं । प्रतिक्रमण करने की
अधिक सोने
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जब इच्छा हुई तब सोने या बार-बार
सोने
उठने
करवट लेने
शरीर को संकुचित करने और
फैलाने
जूं को इधर-उधर करने
नींद में बोलने
दांत पीसने
छींक लेने
जम्हाई लेने
१. उद्वर्तन और परिवर्तन - ये दोनों करवट लेने के अर्थ में हैं, किन्तु उद्वर्तन का एक अर्थ उठना भी है । यहां यही अर्थ इष्ट है ।
२. पुरिसविपरिया सियाए ।
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