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प्रस्तुत ग्रन्थ के विषय में अभिमत
भगवान महावीर का दर्शन अहिंसा एवं समता का दर्शन है। महावीर अध्यात्म को ही उपकृत नहीं किया अपितु अनेकान्त और सापेक्षवाद के द्वारा अनेक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर व्यवहार जगत को भी सँवारा है।
आध्यात्मिक एवं सामाजिक
क्रान्ति के संदर्भ में भगवान महावीर का जो अवदान रहा है उसे प्रस्तुत ग्रन्थ सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। सचित्र भगवान महावीर नामक ग्रन्थ में लेखकद्वय श्री पुरुषोत्तम जैन और श्री रवीन्द्र जैन ने श्वेताम्बर एवं दिगम्बर दोनों परम्पराओं के आधार पर समन्वय का प्रयास किया है। अनेक सटीक प्रमाणों के आधार पर प्रस्तुत भगवान महावीर का जीवन चारित्र अपने आप में एक महत्वपूर्ण आयाम है। भगवान महावीर से सम्बन्धित जीवन चित्र अत्याधिक स्पष्ट और आकर्षक है। डॉ. साध्वी स्मृति जी के कुशल सम्पादन ने ग्रन्थ की महिमा को शतगुणित कर दिया है । श्रीमान् श्रीचन्द जी सुराना का श्रम भी ग्रन्थ के प्रकाशन में सहयोगी बना है।
मुनि वीरेन्द्र कुमार
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