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चित्र नं. २०
FARSHSTAN STRIGH
अपने बैलों का पता नहीं लगने से ग्वाले ने प्रभु को ही दोषी समझकर उनके कानों में कीलें ठोक दीं। तब सिद्धार्थ व खरक वैद्य ने आकर प्रभु के कानों की कीलें निकलवाईं।
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