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चित्र नं.१८
चमरेन्द्र ने प्रभु की शरण लेकर सौधर्मेन्द्र को जाकर ललकारा। सौधर्मेन्द्र ने उस पर वज्र फैंका। फिर ज्ञान से देखा कि वह तो प्रभु महावीर की शरण लेकर आया है तो वज्र रोकने के लिए दौड़ा। चमरेन्द्र भागकर प्रभु के चरणों में आकर छुप गया।
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