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उ. अ.
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कुतोकोलसुणएहिं सामेहिं सबलेहिय । पाडिओ फालिओछिन्नो विफुरंतो अणेगसो ॥५५॥ असीहिं अयसिवन्नाहिं भल्लेहिं पट्टिसेहिय । छिन्नोभिन्नो विभिन्नोय उइन्नो पावकम्मुणा ॥ ५६ ॥ अवसो लोहरहेजुत्तो जलंते समिलाजुए चोइ ओतोत्त जो तेहिं रोझोबा जहपाडिओ ॥ ५७ ॥ हुयासणे जलंतंमि चियासु महिसोविव । दढोपक्कायअवसो पावकम्मेहि पात्रिओ ॥ ५८ ॥
" श्याम अने संबल नामे परमाधार्मिक (अति अधम ) देवताओए सुअर अने कुतरां जेवां (विक्राळ ) म्होडाथी मने अनेकवार पुकार करतो धरती उपर पछाड्यो छे, फाड्यो छे, छेद्यो छे, (श्वान अने सूकरने खवडाव्यो छे ) अने छिन्न भिन्न करी नांख्यो छे. [ ५५ ]. "मारां पाप कर्मने लीधे ज्यारे हुं नरकमां उत्पन्न थयो हतो त्यारे खड्ग, खंजर, बरछी अने भालाथी हुं छेदायो हतो, भेदायो हतो अने छिन्न भिन्न थयो हतो. [ ५६ ]. “लालचोळ तपावेला अने वळतणथी भरेला लोहरथे मने वळात्कारथी अनेकवार जोडवामां आव्योछे, अने चर्म-बंध ( जोतर ) थी रांधीने परोणावति हांकवामां आव्योछे अने रोझ पशुनी माफक भने मार मारी नीच पाडवा आव्यो छे. [ ५७ ]. देवता ( परमाधामी) ए उत्पन्न करेली अमिनी जाजवल्यमान (सळगती) चितामा (होमना) पाडानी पेठे मने पराणे नांखवामां अने वाळवामां-सेकवामां आव्यो छे, मारां पाप कर्मोंने लइने आवी वेदना में सहन करी छे. [ ५८ ].
* आगाथानुं भाषान्तर प्रो. जेकोबी नीचे प्रमाणे करे छे :- "काळा अने कावरा जंगली कूतर ओए मने अनेकवार पछाड्यो छे, छिन्न भिन्न कर्पोछे अने हाय पुकार करतो फाडी तोडी नांख्यो छे. " १. प्रो. जेकोबी आ भागनो In atonement for my sins. 'मारां पाप कर्मना निवारण अर्थे' एवो अर्थ करे छे. पण मूळपाठमा “पावकम्पेहि पाविओ" शब्दो ले, जेनो अर्थ "ए वेदना पाप कर्मे करी पायो" एम थाय
छे.
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