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(ए) नोपम देवी संसार ॥ म ॥७॥ पीयु पनोता अम्ह दीजीए ए, जिन दरबारे गम ॥म०॥ प्रन्नु बागल
आलाया रचें। ए, राखुराखु जगमा नाम॥माए॥ जिनहारे दो सालीया ए. नव नव लखा होय॥म॥ देराणी जेठाणी वादशं ए, दाहिण वाम पासे जोय॥ म॥१॥माखण सम ते कोरणी ए,सोनासमा पाषाण जाण ॥म॥ रविकिरण परे फलहले ए, दो आली. ए बहु मंमाण ॥ म० ॥ ११ ॥ वली ललित सरोवर त्यां कमु ए, ललितादेवी नामे जाण ॥ म० ॥गाउ एक फरतुं कहीए ए, हवे नालियर नामे वखाण ॥ म० ॥ १२ ॥ उन्नत गिरि गाउ बारनो ए, उपर वसे गाम बार ॥ म ॥ हवे देव जुहारी त्यांथी सांचरे ए, वे आवे निज घरबार तो ॥ म० ॥ १३ ॥
॥दोहा॥ ॥ यात्रा करी घर आवीया, हु ते जयजयकार ॥ गणि रंग विजय शिष्य आशा फली, सफल कस्यो अवतार ॥१॥रास रच्यो रलियामणो, पांचमो खंग ए जाण ॥ पंमित गोपजी गणि रंगविषय शिष,मेरुविजय सुखकार ॥२॥
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