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स्तवनावली भाग पहेलो.
आ ग्रंथमां
स्तवन, प्रजातियां, लावणीयो, सकायो, नेमीश्वर जगवाननो नवरसो, दानशील. तप जावनुं चोढालीयुं तथा प्रास्ताविक कवितादि घणा रसिक ग्रंथोनो समावेश करयो बे..
( चोथीवृत्ति. ) तेने
सम्यग्दृष्टि सनोने जणवा वांचवा साह श्री मुंबईमां
श्रावक जीमसिंद माणके
निर्णयसागर नामक छापखानामां
छपाव्यो छे.
संवत् १९६४ सन १९०७.
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