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अयोध्या नगरीमा लश् गयो, तथा त्यां तेने मृत्यु पयंत केदमा राख्यो. ____एवी रीतेजो के सुकांत पोताना कर्मसंयोगे केदमा पड्यो, तोपण तेमां ते घोडी निमित्तरूपे थर, माटे घो. मी पर वारी करवानो श्रीसर्वज्ञ प्रजुए निषेध कह्यो बे.
हवे हस्तीनां लक्षणोनुं स्वरूप कहे .
10 जे हस्तीनी पंदर वर्षनी उमरे उंचाइ श्रागला
पगथी मामीने तेना स्कंध पर्यंत बसो ने चालीश अंगुलथी मांडीने बसो ने पचास अंगुलनी होय, तेने उत्तम जातिनो हस्ती जाणवो. जे हस्तीनी ऊंचा बसो ने त्रीश अंगुलथी मामीने बसो ने चालीश अंगुल सुधीनी होय, तेने मध्यम जातिनो हस्तीजाणवो. जे हस्तीनी जंचा तेथी उठी होय, तेने कनिष्ठ जातिनो हस्ती जाणवो, तथा जे हस्तीनी जं. चाइ बसो ने पचास अंगुलथी पण वधारे होय, तेने पण हलकी जातिनो हस्ती जाणवो. जे हस्तीनी लंबाई तेना गंमस्थलथी मामीने पुत्र सुझां बसो ने सीत्तेर अंगुलथी मामीने बसो ने एंशी अंगुल सुधीनी होय, तेने उत्तम जातिनो हस्ती जाणवो, तथा
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