________________
(६१) चिह्न होय, तो तेने लडाश्मां शत्रुनो नाश करनारो जाणीने राजाए तेने निधाननी पेठे घणीज सावचेतीश्री राखवो. एवी रीते तेना मुख श्रादिकनुं सामान्य लक्षण जाणवू.
हवे तेना कंगनुं लक्षण कहे . जे घोमाना कंठ पर सोनेरी रंगनो थानास मारती गुडादार तथा कोमल केशवाली होय, तेने उत्तम जातिनो श्रश्व जाणवो. जे घोमाना कंठ पर कर्कश (कोर) अने तेज विनानी केशवाली होय, तेने कनिष्ठ ( हलकी ) जातिनो अश्व जाणवो, जे घोमाना कंठ पर केशवाली बिलकुल न होय, तेने धननो नाश करनारो जाणीने पूरथीज तजवो. जे घोमाना कंठ पर बुटी बुटी तथा बच्चे आंतरावाली केशवाली उगेली होय, तेने तेना खामीन मृत्यु सूचवजारो जाणवो. जे घोमानी केशवाली लीला सोनेरी रंगनो थानास मारनारी होय, तेने देवांगी एटले देवता घोडो जाणवो. तेवो घोमो लक्ष्मी, कीर्ति तथा कुटुंबनी अत्यंत वृद्धि करे बे. ___ अत्रे प्रसंग होवाथी तेवा घोमानी कथा कहे . पूर्वे श्रीभृगुकब ( नरूच ) नामे नगरमां सुरेंजदत्त
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org