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(४७) त्तम जाणवी. जे स्त्रीनी जंघाउँमा खामा होय, तेणीने तुरत विधवा थनारी जाणवी. जे स्त्रीनी जंघा टुंकी होय, तेणीने व्यनिचारवाली जाणवी.जेस्त्रीनी जमणी जंघामांस्वस्तिकनुं चिह्न होय, तेणीने पद्मिनी जाणवी, अने तेवी स्त्री घरमां श्राव्याथी धन, धान्य पुत्र, परिवार आदिकनी अत्यंत वृद्धि थाय बे. जे स्त्रीनी डाबी जंघामां कमलनुं लंडन होय, ते स्त्रीने चक्रवर्तीनी पट्टराणी जाणवी. जे स्त्रीनी जमणी जंघामां देवमंदरनुं चिह्न होय, तेणीने सिक थनार पुत्रोनो जन्म आपनारी जाणवी. जे स्त्रीनी जमणी जंघामां सर्पy चिह्न होय, तेणीने शाकिनी सरखी जाणीने तुरत तजवी. जे स्त्रीनी बन्ने जंघाउँमां वींबीन चिह्न होय, ते पुत्रोनो नाश करनारी थाय, तथा तेनी जगत्मा बहुज अपकीर्ति फेलाय. - जे स्त्रीना पगनी उपरनी नसो सूक्ष्म रीते देखाती होय, तेणीने उत्तम जाणवी.जे स्त्रीना पगनो उपरनो नांग सपाट होय, तेणीने मूर्ख तथा कला विनानी अने उर्जाग्यवाली जाणवी. जे स्त्रीना पगनो उपरनो नाग काचबानी ढाल सरखो होय, तेणीने अतिउत्तम जाणवी. जे स्त्रीना पगनी आंगलीउनी
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