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(१६१) खर्गे गया. त्यांश्री चवी केटलाक नवोमां नमीने अंते मोक्षपदने प्राप्त थशे. एवी रीते प्रसंगोपात तेवा बलदनी कथा कही.
जे बलदना उदरनाग पर श्याम रंगनुं नकुलना (नोलीयाना) श्राकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी लक्ष्मीनो तुरत नाश करे बे. जे बलदना उदरनाग पर लाल रंगनुं वीबुना श्राकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीना परिवारनो नाश करे . जे बलदना उदरत्नाग पर सफेद रंगनुं कलशना थाकार- चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी लक्ष्मी विगेरेनी वृद्धि करे . जे बलदना उदरनाग पर बिलकुल केश नथी होता, तेवो बलद तेना स्वामीने मरणांत कष्टमां पामे बे. जे बलदना उदरनाग पर श्याम रंगनुं शुकना (पोपटना) आकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीना धन तथा परिवारनो तुरत नाश करे . जे बलदना उदरनाग पर जमणी बाजुना पमखामां लाल रंगनुं शंखना आकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी कीर्तिनी अत्यंत वृफिकरे जे.जे बलदना उदरजाग पर जमणी तरफना पासामां श्याम
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