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________________ ( १५१ ) एवी रीते प्रसंगोपात तेवा बलदनी प्राप्तिथी यता फलनी कथा कही. बलदना श्रगलना जमणा पगनी खरीना मूलमां सफेद रंगनुं अर्ध चंद्रना आकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी संपत्तिनी वृद्धि करे बे, पण ते अर्ध चंद्र सरखा आकारमां बच्चे फाट पडेली होय, तो ते लक्ष्मीनो नाश करे बे. जे बलदना आगलना गाबा पगनी जांगमां लाल रंगनुं कूर्मना ( काचबाना ) आकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी लक्ष्मीने स्थिर करे बे. जे बलदना आगलना काबा पगनी जांगमां सफेद रंगनुं बाना याकारं चिह्न होय बे, तेवो बलद तेना स्वामीने रणसंग्राममां शत्रु तरफथी पराजय पावे बे. जे बलदना अगला माबा पगनी जांगमां लाल रंगनुं दीपकनी शिखाना आकारनुं चिह्न होय बे, तेवो बलद तेना स्वामी ने ग्निनो त्रास उपजावे बे. जे बलदना आगला गाबा पगनी जांगमां सफेद रंगनुं दाना का चिह्न होय बे, तेवो बलद तेना स्वामीनुं एक वर्षनी अंदर मृत्यु निपजावे बे, ते वात संदेह विनानी बे. जे बलदना श्रगलना माबा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003684
Book TitleSamudrik Shastranu Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1914
Total Pages226
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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