SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (७०) सार ॥ जे नर तेह चढावशे, वरशे तेह कुमार ॥ ज० ॥ ७॥ देशदेशावर रायना, नंदन तेमण काज ॥ त मोकल्या राजीये, हुं मूक्यो तुमराज ॥ ज ॥७॥ देव महाबल मोकलो, कुमर काम अवतार ॥ कुं ण जाणे एहथी विधे, योग लिख्यो थानार ॥ ज०॥ ए॥ज्येष्ट कृष्ण एकादशी, बाज थ तिथि खास ॥ आगामी चौदशि दिने, होसे स्वयंवर तास ॥ ज०॥ १० ॥ वाट हु मादा थया, तहथ। ह विलंब॥ क री उतावलो मोकलो, लगन अ अविलंब ॥न॥११॥ सनमानी ते इतनें, शीख करे नूपाल ॥ कुमर सजा मां सांजली, चिंतवे इंम हरखाल, ॥ ज ॥१२॥ देवें मुज करुणा करी, नीग फुःख संयोग ॥ नुखमां हे नोजन मले, तिम ए दीसे योग ॥ ज० ॥१३॥ काज हतुं सांसे पम्युं, सिखायद्यं ते आज ॥ विश्वा वीश दया करी, मुज ऊपर महाराज ॥ ॥१४॥ तात दीए मुज प्रागन्या, तो तिहां जर तत्काल ॥ राजपुत्र कुल अवगणी, हुं परणुं ते बाल ॥ ज० ॥ ॥ १५॥ तव नृप निरखी पुत्रने, कहे वछ.तुं शुजका ज॥ बल वाहनना घाटस्यों, रातें सधावो आज ॥ ज० ॥ १६ ॥ कहे कुमर विनयें जस्यो, तात वचन Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003682
Book TitleMahabal Malayasundarino Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1907
Total Pages324
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy