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( ११५ )
लो ॥ ३ ॥ ज० ॥ करटी काला मद मत, वाला फूल तारें जो, जाणियें ट्रक हिमाला लो ॥ ज० ॥ चैत रें के रंग, नवेचं फूलता रे लो, सोहे सिंदूरें गुंढाला लो ॥ ४ ॥ ज० ॥ घुघर घंटा रण ऊण, घंटा वाजता रे लो, गाजता अंबर सूधी लो ॥ ०॥ एहवा संख्या ता गया नवि, जाता सावता रे लो, गज घंटा श्रेणि विलुश्री लो ॥ ५ ॥ ज० ॥ रवि रथना ज्युं वाजी, ताजी वेगना रे लो, बाजे हरिबल द्वारा लो ॥ ज० ॥ करे खुडताला पद पड, ताला मेघना रे लो, अगणित अश्व अपारा लो ॥ ६ ॥ ज० ॥ वहेन सुखासन मानुं, सुरासन ताकडा रे जो, एहवा रथ रढियाला लो ॥ ज० ॥ रण सुनटाला जे मब, राजा वांकडा रें लो, एहवा गणित पाला लो ॥ ७ ॥ ज० ॥ सुरप ति सरिखी हरिबल, हरखी ग्रामनी रे लो, जोगवे रा ज्यनी लीला लो ॥ ज० ॥ अपवर वरणी पियु मन, हरणी कामिनी रे लो, विलसे शोलरों बाला लो ॥ ८ ॥ ज० ॥ बत्रीश बा नाटक, सुधा स्वादना रे लो, होवे रंग रंगाला लो ॥ ज० ॥ गुणिजन गाता कवि जन, माता लादना रे लो, बोले बिरुद वडाला लो ॥ ५ ॥ ज० ॥ हरिबल केरी अतिही, नजेरी विस्त
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