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(७५) औरके बोल में लाख सहूंरी॥ आनंदघन पिया वेग मिलोप्यारे, नहीं तो गंग तरंग वढंरी ॥
तेरी० ॥३॥
॥पद पीस्तालीशमुंगराग टोड। उगोरी गोरी लगोरी जगोरी॥
ए आंकणी॥ ममता माया आतम ले मति, अनुन्नव मेरी और दगोरी ॥
गो० ॥१॥
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