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(३१३) चदानंद प्रनु एक वार कह्यो, जाणो वार करो॥वालमाय॥ ॥पद एकसपमुं॥राग बिदाग॥ ॥पीया पीया पीया, बोल मतपीयापीया पीयापी॥
ए आंकणी॥ रे चातुकतुम शब्द सुणत मेरा, व्याकुल होत दे जीया ॥ फूटत नांदि कग्नि अति घन सम, नितुर नया ए दीया ॥
बो ॥१॥
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