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(३१०) जनम मरण नव दु:खमें परो॥
एती० ॥३॥ ॥ पद ओगणसाउमुं॥
॥राग मलार॥ ॥ ध्यानघटा घन गए, सु देखो माई॥ध्यान ॥
ए आंकणी॥ दम दामिनी दमकती दह दिस अति, अनहद गरज सुनाए।
सु० ॥१॥
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