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(१४) लागत और अनीउडे।वा।। मेरे मनकू जक न परत है, बिनु तेरे मुख दीपडे ॥ प्रेम पीयाला पीवत पीवत, लालन सब दिननीउडे।वार पूबू कौन कहालूं टुंढुं, किसकूनेजुं चीठमे॥
आनंदघन प्रजुसेजडी पातो, जागे आन वसीउडेवाण॥३॥
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