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(ए) पदसत्तावनमुरागाशावरी। देखो एक अपूरव खेला, आपदी बाजीआपदी बाजीगर, आप गुरु आप चेलादेखो॥ खोक अलोक बिच आप विराजित, ग्यान प्रकाश अकेला॥ बाजी गंड तहां चढ बैठे, जिहां सिंधुका मेला ॥
देखो० ॥३॥ वाग्वाद खटनाद सहुमें, किसके किसके बोला॥
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