________________
[40]
नं० विषय २१. नोट मूर्ति नहीं है २२. परोक्ष वन्दन २३. वन्दन आवश्यक और स्थापना २४. द्रव्य निक्षेप २५. चतुर्विंशति स्तव और द्रव्य निक्षेप २६. मरीचि वन्दन २७. सिद्ध हुए तीर्थंकर और द्रव्य निक्षेप २८. साधु के शव का बहुमान २६. क्या जिनमूर्ति जिन समान है? ३०. समवसरण और मूर्ति ३१. क्या पुष्पों से पूजा-पुष्पों की दया है? ३२. आवश्यक कृत्य और मूर्ति पूजा ३३. गृहस्थ सम्बन्धी आरम्भ और मूर्ति पूजा ३४. डॉक्टर या खूनी ३५. न्यायाधीश या अन्याय प्रवर्तक
११५ ३६. क्या ३२ मूल सूत्र के बाहर का साहित्य मान्य है? ११८
(अ) धर्म विरुद्ध विधान (आ) कथा ग्रन्थों के गप्पौड़े (इ) माहात्म्य ग्रन्थ . (ई) मूल में मिलावट (उ) मूल के नाम से गप्पें (ऊ) अर्थ का अनर्थ
(ऋ) टीका आदि में विपरीतता (ऋ) एक मिथ्या प्रयास ३७. मूर्ति पूजा प्रमाणों से मूर्ति पूजा की अनुपादेयता ३८. मूर्ति पूजा से सामायिक करना श्रेष्ठ है।
१५६ ३६. धर्म दया में है, हिंसा में नहीं
१५६ ४०. अन्तिम निवेदन
१०१ १०६ १११ ११२
साना
१४८
१६५
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org