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(13)
श्य जाणिवि उहयरु अप्पसत्थु णिसुणिए कुसत्थे दुम्मइ हवेइ कुच्छियधम्मेण कुलिंगि रत्तु तहो भत्तिए दारुणु करई पाउ णारइयदुक्ख जइ मुअइ कहवि जइलहइ णरस्त सुहिएत्तणाइ ण सुगइ कयावि वरसुहहो णामु जिणदेउ ण रिसिगुरु अत्थि जेत्थु मोक्खे ण विणा तवकारणाइ मासोववासु चंदायणाइ वहिरसयणई अत्तावणाई दंडयधरण. सिरमुंडणाई
मा णिसुणहु अण्णाणिय कुसत्थु । दुम्मइए कुधम्महो चित्तु देइ । णरु कुगुरुहो होइ कुदेवभत्तु । तें एम चउगइ दुहणिहाउ । तिरिए सु वि तारिसु लहइ तह वि। 5 तो कोत्थिय सोक्खहो भायणाइ । कहि किर सीमा जहि णस्थि गाम । संपडइ णरहो कहि मोक्खु तित्थु । रत्तंवरजड धारणाइ। कजियभोयण सुद्धोयणाइ। 10 चरि सालइँ णिसिसेवियवणाइँ । सच्वह मि सरीरहो दंडणा।
पत्ता- इय एम मुणेविगु रिसि पुज्जे विणु लग्गिज्जइ जिणधम्महो ।
जि अमरणरत्तणु लब्भइ कित्तणु मोक्खसोक्खु खए कम्महो ॥१३॥
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(14) अण्णाणियपुराणु अइतुच्छउ कहहि जणहो णियमइ सारिच्छउ । णिद्दोस वि सुरवरण रखेयर
अप्पसरिस साहिसदोसायर । जो सत्तावीसत्थरकोडिहि
सेविज्जइ मग्गियपरिवाडिहि । खयरासुरणरवरथुउसुरवई
सो अहल्ल मणु वि कि सेवइ । इंदु णाम खयराहिउ मुद्धउ गोयमखगतवसिपिय लुद्ध उ ।
आहल्ला णामाइ सुपसिद्धहो रूपकंतिणवजोवणरिद्धहो । सुरयसोक्खु मागंतु णिएविणु पियंपियपरिहवरोसु करेविण । (13) 1.b णिसुणाहुं, 2.b कुसत्थु दुम्मई हवेइं दुम्मइंय, b चित्त्व देई,
3.b कुलिंगरस्तु णरु कुरुहु होइं, as for होइ, 4.a दारणु, bति पावई चउंगई, 5.b जइं मुअइं, a मुच for मुअइ, b लहइं, 6.b जइ लहइं सुरत्तणाई, b भायणाई, 7.b मुणइं for सुणइं, a वरसुरइ, 8.a जिण देउ, b जिणदेउ, b संपडइं, b मोक्ख, 9.b कारणाइं रत्तवडधरण जई धारणाइं, 10.a मासोववास, b चंदायणाई, b सुद्धायणाई a. adds आयावणाह after अत्तावणाइ, 11.a बरिसालणिसिहि सेबियवणाइ, 12.a धरणाइ, b सब्वइं, a दंडणाइ, 13.a एव for एम, b लग्गेइज्जइ, 14.a जे सुण्णरु सुरत्तणु, b लब्भहं, b मोक्ख सोक्रव खयकम्महो।
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