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८. अट्ठमो संधि
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कर्णोत्पत्ति कथा
मणवेएँ पवणवेउ भणि उ एहि मित्त जाइज्जइ । लोइयपुराणु चितंतहँ बुद्धि चिरंतण खिज्जइ ।। छ ।।
उववणे जाएविणु पुणु वुहेण सुणु जेम सभायरु कण्णु जाउ तहो पुगु संतइहे अणंतएण तहो लक्खणकलगुणगणविचित्तु तें पुणु जणियउ जायंधु पुत्तु सुउ पंडुरोयजुउ अवरुजणिउ पुणु वि विदुरुए मण्णिवि कुमार पर पंडु पंडरोएण भुत्तु णउ थाइ खणु वि खरुणीससंतु गउ उववणे एक्कहि दिवसे जाम तहि कुसुमसयणे मुद्दडिस दिट्ठ सा लेवि पंडु खणु एक्कु जाम
सुहि पणिउ खगवइ तणुरुहेण। सोमप्पहो णामें आसि राउ। हुउ संतणु काले जंतएण। उप्पण्णु पुत्तु णामें विचित्तु । पढमउ णामें धयरट्ठ पुत्तू । तें पंडु जि सो णामेण भणिउ । कीलहि मणि य पिउ लच्छिसार । झिज्जइ अणुदिणु णियतगु जियतु । 10 कहमवि रइ करइ ण परिभमंतु । सुमणहरु सुलयाहरु दिटटु ताम । चित्तंगणाम खयरहो मणिट्ठ । अच्छइ चित्तंगउ पत्तु ताम ।
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घत्ता- पंडुहे मुहुँ जोएवि तें भगिउ मज्झु एत्थ कत्थ वि पडिय।
जोयंतु व पिच्छमि सा ण हउ कामरूवकर मुद्दडिय ॥१॥
(1) 2.b चितंताहं, a बुद्धि चिराणीरि कज्जइ, 3.b पभणिउं, bणंदणेण for
तणुरुहेण, 4.b सुणे, 5.b दुणु for पुणु, b अणतएण, 6.a गुणगण०, 7.b जणियउं धणविउरुएण, 8.b जणिउं, b भणिउं, 9.b पुणे विउरु एम तिण्णि वि कुमार, b कीलहिं मणि, 10.b वुत्तु for भुत्तु, b दिगय तणु for णियतणु, il.b कत्थवि रइ लहइ ण, 12.a एक्कहि, b लयाहर, 13.a तहि, 15.a पंडु बि मुहु, b भणिउ, a पडिया, 16.a मुद्दडिया।
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