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तहो आसमि जायउ गायकेउ णियताउ गवेसहि ताए वुत्तु ता खिल्लवेल्लि संजोयएण मंजूस दिट्ठ करे धरिवि जाम चंदमइ वि णंदणणेहएण मइ इच्छि मुद्धि ता ताए वुत्तु तो तेण गंपि रहुवइहि पासु । वेयत्थ य पुराणवियाणएण
सुउ णं अवयण्णउ मयरके उ । मंजू सहि किउ गंगाहि खित्तु । ण्हतेण तेण उद्दालएण। उग्घाडियवालउ दिठ्ठ ताम । आगय पभणिय उद्दालएण । कुलकण्णह एहु ण होइ जुत्तु । मग्गिय सा तेण वि दिण्ण तासु । कण्णाविवाहु किउ राणएण।
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घत्ता-पुत्तें जाए वि चंदमइह य कण्णा हवइ ।।
महु माय ण काइ ता दिउ को वि ण पडिलवइ ॥१७॥
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पुणु वि तेत्थु सो खगवइणंदणु पुणु वि विवाहु वरेण गएण वि फणसालिंगणे गम्भहो संभउ गब्भत्थि वि कह णिसुणिज्जइ सत्तवरिससय गन्में पीडिय रइसमए वि वासु उप्पज्जइ कमलहो सुंघणे गन्भु होइ जहि पुवावर अघडिय आलावउ पुणु वि पुणु वि केत्तिउ पयडिज्जइ एरिसु किण्ण मणेणालोयहु
णियमित्तहो संवोहणकारणु । णारिहि पुत्तु णारिफंसेण वि । तो वि ण करइ मुटु जणु वि भउ । दुददुरीए कह मणु वि जणिज्जइ। कह थिय मंदोयरि णउ विहडिय। जाए पुत्तें कह कण्णे भणिज्जइ । अवर काइँ किर वोल्लिज्जइ तहिं । तुम्ह पुराणु असच्च पलावउ । जं पयडंतहँ हासउ दिज्ज। दियपवरहो कि मइ आलोयहु।
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(17) I.b रहुवइंहि कहिउं, a चंदवई, चंदमई, b चंदवई, a णेविसु b मणिवि
for मण्णेवि, b दुट्ठमइ, 2.b पंचाणणहं दिट्ठ, 3.5 जायउं णायकेलं, a णाइकेउ, 4.b किंउं, 5.b repeats तेण, 6.b दिट्ठ किर, 7.b चंदमई, b आयविय भणिय, 8.b कुलकण्णहि होइं ण एउ जुत्तु, 9.b दिण for दिण्ण, 10.b omits य, b विवाहं किंउ, il.a चंदगई य. Cf. वायुपुराण, महाभारत (वनपर्व, सभापर्व) etc.
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