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________________ ता सिक्खविउ णवर णियमायए पुत्त तित्थु ववहरिय एमायए । जेमिज्जइ ण अहव जे मिज्जइ इट्ठिए तोवि लेवि छड्डिज्जइ । इयाणि सुणेविणु गउ तहि पत्तउ तद्दिणे जिमिउं ण जइ वि पवुत्तउ। 5 अवरहिं दिणि णारिहिं णिरतरु एंतिहिं जंतिहिं लद्धण अंतरु । रयगिहि किर सालय भुंजावहि मइ तहुँ दिण्णु पडुतरु तावहि । भुक्ख ण अत्थि केम जेमिज्जइ अरुइ भुत्तु अइदुक्खें जिज्जइ । सासुयाए तं वयणु सुणेविणु तंडुलधरियसलिलि वोलेविणु । मम्गेसइ जव्वेलइ भोयणु रंधेसमि तत्वेलए ओयणु। 10 घत्ता- रयणिहि विरामे पीडिउ छुहए जा किर पासु णिरिक्खमि । ता मंचयतले तदुलु भरिउ ससलिलु भायणु पेक्खमि ।।१७।। (18) तहिं अवसरि वाहिरि गय मह पिय वियणु वि जाणेवि मइँ वि रइय किय । असहंतेण तेण भुक्खाउहु तंदुलेहिं चप्पेवि भरियउ मुहु । ता सहसा पिययम संपत्ती महिलारूवें णाइँ भवित्ती। हउ वि गरुयलज्जए तुण्हिक्कउ तडिया वोलणयणु ता थक्कउ । वोल्लावंतिहे जाव ण वाल्लिउ तावंगुलिए गल्लु महु पिल्लिउ। 5 महु मरणासंकि भयवेविर ण? कज्ज पभणइ गग्गिरगिर । दीसहि माय णयणआयंविर तुह जामायहो कि जायउ किर । णउ जाणिज्जइ दोसु ण कारण तं णिसुणिवि मिलियउ णारीयणु । कवि जंपइ संपइ हलि जायउ कुलदेवयहि दोसु मइँ णायउ। कण्णमूल पभणिज्जइ एक्कए गंडमाल भासिय अवरेक्कए। 10 (17) I.a चउत्थ, b भणइं, 2.b हर्ष, b जाम for जाव, 3.b पियमायए, 4.b inter. ण and अहव, a छंडिज्जइ, 5.a तहि, 6.a अवरहि, a एंतिहि जंतिहि, 7.a रयणिहि किल, a तहु दिणु, b तावहि, 8.b @जिज्जइ for जेमिज्जइ, a भत्त, 10.a जहि वेलए for जव्वेलइ । (18) 1.a तहि, b थियणु वि त्ताणेवि, a मइ विरय, 2.a भित्तु for तेण, a मंदुलेहि, b मुहु, 3.a महिलरूवं णाइ, b विभत्ती for भवित्ती, 4.b हउं मि, 5.b जाम for जाव, 6.b मरणासंकिय, b कज्ज, b गग्गरगिर, 7.b दीसहि माइ, 8.a तें for तं, 9.a मइ, 10.a कण्णमूलु, 11.b कण्णहं सूयउ, a सुणह गल्ल, a संलवई, 12.a अल्लवई, b अल्लवई। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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